नई दिल्ली: सोशल मीडिया में इन दिनों दीपिका पादुकोण और शाहरुख खान की फिल्म पठान को लेकर चर्चा का बाजार गर्म है. वजह है इस फिल्म का पहला गाना जो सामने आने के बाद से ही विवादों में है. दरअसल पठान मूवी के गाने बेशर्म रंग में दीपिका पादुकोण भगवा रंग की बिकनी में नजर आ रही हैं. भगवा रंग को धर्म से जोड़कर जगह-जगह इस मूवी को बॉयकॉट करने की मांग की जा रही है. 


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ये वो बातें हैं जो आप सभी को पता हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि जिस बिकनी पर इतना बवाल मचा हुआ है उसे पहनने की शुरुआत कब और कैसे हुई? अगर नहीं जानते तो ये आर्टिकल आपके काम का है. दरअसल आज के आर्टिकल में हम आपके लिए बिकनी के पहनने की शुरुआत से जुड़ी जानकारी लेकर आए हैं. 


आज भी सार्वजनिक रूप से बिकनी पहनना आपत्तिजनक और फूहड़ता की निशानी माना जाता है, अक्सर बिकनी वाले सीन को लेकर सोशल मीडिया से सड़कों तक विवाद देखा गया है. दरअसल जिस बिकनी को लेकर इतना विवाद मचा हुआ है इसे पहनने की शुरुआत आज से लगभग 76 साल पहले फ्रांस में हुई थी.


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साल 1996 में 19 साल की फ्रांसीसी युवती मेशलिन बेर्नीर्दिनी ने पहली बार बिकनी पहनी थी, जिसे डिजाइनर लुई रियर्ड ने डिजाइन किया था. फांस में मेशलिन के पहली बार बिकनी पहने से हंगामा मच गया था. 


दरअसल मेशलिन बेर्नीर्दिनी एक कैसिनो की न्यूड डांसर थी. डिजाइनर लुई रियर्ड अपनी डिजाइन की हुई बिकनी को पहनाने के लिए एक मॉडल की तलाश कर रहे थे, तब सबने इसे पहनने से इंनकार कर दिया था. जिसके बाद रियर्ड ने मेशलिन को एप्रोच किया. डिजाइनर ने यूएस द्वारा किए गए  एटॉमिक टेस्ट 'बिकिनी एटॉल' के नाम पर इसका नाम बिकनी रखा था. 


बॉलीवुड में कब पहुंची बिकिनी
भारत में साल 1966 में पहली बार एक्ट्रेस शर्मिला टैगोर ने फिल्मफेयर मैगजीन के लिए बिकिनी पहनी थी, तब पहली बार देश के लोगों ने किसी को बिकनी पहने देखा. तब भी देशभर में महिलाओं की नैतिकता को लेकर सवाल उठाए गए थे. शर्मिला टैगोर के बाद बॉलीवुड में जीनत अमान दूसरी बिकनी पहनने वाली एक्ट्रेस बनीं. जिसके बाद बॉलीवुड में भी बिकनी पहनने का ट्रेंड बन गया.