नई दिल्ली: दिल्ली की नई शराब नीति के मामले में डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया एक बार फिर मुश्किल में पड़ते नजर आ रहे हैं. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार शराब नीति में हुए घोटाले में मुख्य आरोपी बनाए गए मनीष सिसोदिया पर मंत्री पद का गलत इस्तेमाल करने का आरोप लगा है. इससे पहले आज ED ने इस मामले में 2 लोगों को गिरफ्तार भी किया था.  



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मनीष सिसोदिया पर लगे आरोप के अनुसार उन्होंने अपने OSD के जरिए नई एक्साइज पॉलिसी के पेपर्स एक्साइज कमिश्नर से मांगे थे, जिसपर CBI, ED, इनकम टैक्स और EOW जांच कर रहे थे. सिसोदिया ने अपने ओएसडी को आबकारी आयुक्त को आबकारी नीति 2021-22 के गठन संबंधित दस्तावेजों दस्तावेजों की फोटोकॉपी और स्कैन कॉपी मांगने का निर्देश दिया.


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आबकारी आयुक्त को 30 सितंबर को भेजे गए नोट में उन्हीं फाइलों, कागजों और दस्तावेजों की मांग की गई है, जो एजेंसियों द्वारा जांच के दायरे में हैं. कानून विभाग ने स्पष्ट कहा कि 'ED, CBI, EOW, आयकर जैसी विभिन्न एजेंसियों द्वारा मामले की जांच की जा रही है और मंत्री मनीष सिसोदिया को इसमें मुख्य आरोपी बनाया गया है. व्यापार के लेन-देन की सामान्य प्रक्रिया जीएनसीटीडी नियम (जो किसी मंत्री को अपनी जानकारी के लिए किसी भी विभाग से कागजात मांगने का अधिकार देता है) इस मामले में लागू नहीं होगा.'


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शराब नीति केस में एक्शन लेते हुए आज ED ने दो फार्मा कंपनियों के प्रमुख शरद रेड्डी और विनय बाबू को गिरफ्तार किया है. ऐसा माना जा रहा है कि ED इन दोनों आरोपियों से नई आबकारी नीति के मामले में सवाल-जवाब करेगी. इससे पहले इस मामले में मनीष सिसोदिया के PA से भी पूछताछ की गई थी.