Delhi Air Pollution: केंद्र सरकार ने दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण से निपटने के लिए एक संशोधित योजना जारी की है. यह योजना वायु गुणवत्ता को सुधारने के लिए आवश्यक उपायों को लागू करने का निर्देश देती है. प्रदूषण के बढ़ते स्तर के कारण यह योजना अत्यंत महत्वपूर्ण हो गई है.


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सख्त उपायों की आवश्यकता
वायु गुणवत्ता से जुड़े केंद्र के पैनल ने राज्यों को सर्दियों में प्रदूषण के बढ़ने पर सख्त कदम उठाने के लिए कहा है. शीतकालीन महीनों में, विशेषकर नवंबर से जनवरी तक, हवा की गुणवत्ता में गिरावट आती है. इस स्थिति से निपटने के लिए तत्काल उपायों की आवश्यकता है.


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स्कूलों के लिए हाइब्रिड मोड
संशोधित योजना के तहत, गंभीर वायु प्रदूषण वाले दिनों में स्कूलों को हाइब्रिड मोड में संचालित करना अनिवार्य कर दिया गया है. इसका मतलब है कि कक्षाएं ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरीकों से चलेंगी. दिल्ली में प्रवेश करने वाली अंतरराज्यीय बसों के लिए नए नियम लागू किए गए हैं. अब केवल ईवी और सीएनजी या बीएस-VI डीजल से चलने वाली बसों को ही प्रवेश की अनुमति होगी. यह कदम प्रदूषण को कम करने के लिए उठाया गया है.


सार्वजनिक कार्यालयों के समय में बदलाव
दिल्ली सरकार को निर्देश दिया गया है कि वह सार्वजनिक कार्यालयों और नगर निकायों के लिए समय अलग-अलग करें. इससे ट्रैफिक और प्रदूषण के स्तर को नियंत्रित करने में मदद मिलेगी.
दिल्ली में ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (जीआरएपी) के तहत प्रदूषण के स्तर को चार चरणों में बांटा गया है. स्टेज I (खराब) से लेकर स्टेज IV (गंभीर प्लस) तक विभिन्न उपाय लागू होते हैं. जब AQI 450 पार कर जाता है, तो स्कूलों को कक्षा VI से IX और XI तक के छात्रों के लिए हाइब्रिड मोड में संचालित करने की आवश्यकता होती है.