Delhi Pollution: राष्ट्रीय राजधानी में वायु गुणवत्ता गुरुवार को 'बहुत खराब' श्रेणी में आ गई, जबकि एक दिन पहले यह 'गंभीर' श्रेणी में थी, क्योंकि केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ( सीपीसीबी ) के अनुसार एक्यूआई 304 दर्ज किया गया था. बढ़ते प्रदूषण के स्तर के बीच कई निवासियों ने आंखों में जलन और सांस लेने में कठिनाई की शिकायत की. सीपीसीबी के आंकड़ों के अनुसार , सुबह 7 बजे तक डीटीयू में मापा गया एक्यूआई 261, पूसा में 281, आईटीओ में 284, लोधी रोड पर 250 और आईजीआई एयरपोर्ट (टी 3) पर 301 था, जो 'खराब' श्रेणी में है. हालांकि, दिल्ली में कई जगहों पर वायु गुणवत्ता 'गंभीर' दर्ज की गई, जिसमें द्वारका सेक्टर 8 में AQI 332, जहांगीरपुरी में 354, सोनिया विहार में 315, वजीरपुर में 330, अशोक विहार में 318 और बवाना में आज सुबह 8 बजे तक 341 रहा. 


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दिल्ली निवासी चित्तरंजन त्रिपाठी ने बढ़ते प्रदूषण के स्तर का मुख्य कारण सरकारी प्रतिबंधों के बाद भी चल रहे वाहनों की बढ़ती संख्या को बताया. उन्होंने कहा कि इसका मुख्य कारण वाहन हैं. हर कोई दो किलोमीटर के लिए भी कार या बाइक का विकल्प चुनता है क्योंकि कोई भी पैदल नहीं जाना चाहता. बुजुर्ग लोग और बच्चे सबसे ज्यादा प्रभावित होते हैं. उन्हें सांस लेने में दिक्कत और आंखों में जलन का सामना करना पड़ रहा है. अब हर कोई बाहर निकलते समय मास्क पहन रहा है. सुबह की सैर पर निकली दिल्ली निवासी ने बताया कि यहां प्रदूषण बहुत बढ़ गया है. पहले सुबह की सैर पर बहुत सारे लोग आते थे, बच्चे भी आते थे. लेकिन अब आप देखिए कि कोई नहीं आता. प्रदूषण की वजह से सांस लेना मुश्किल हो गया है. मेरी आंखें भी जल रही हैं. यह पहली बार नहीं हुआ है. 


प्रदूषण की समस्या पिछले कुछ सालों से है, लेकिन सरकार कुछ नहीं कर रही है. उन्होंने कहा कि समस्याएं सभी को हैं, गरीब हो या अमीर; सभी परेशान हैं. इसे पूरी तरह से खत्म करने के लिए सरकार को ठोस कदम उठाने होंगे. कोई भी अस्थायी प्रतिबंध या प्रतिबंध टिकाऊ नहीं है. भले ही वाहनों पर प्रतिबंध है, लेकिन वाहन अभी भी चल रहे हैं.