नई दिल्ली: बीजेपी ने यह दावा किया है कि एनजीटी ने दिल्ली सरकार पर 6,100 करोड़ रुपयों का जुर्माना लगाया है. बीजेपी के अनुसार यमुना में बड़े प्रदूषण के मद्देनजर दिल्ली सरकार पर यह जुर्माना लगाया गया है. बीजेपी ने जुर्माने की राशि दिल्ली सरकार नहीं बल्कि आम आदमी पार्टी से वसूले जाने की मांग की है.


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इस मामले में दिल्ली विधानसभा नेता प्रतिपक्ष रामवीर सिंह बिधूड़ी ने जी मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि केजरीवाल को बधाई, दिल्ली को शर्मसार करने का वे मौका छोड़ते नहीं. कल जो एनजीटी ने 6100 करोड़ का जुर्माना लगाया और कहा कि यमुना की स्थिति आपातकालीन है. 8 साल से विज्ञापन देकर क्या साबित करना चाहते हैं. केजरीवाल और उनकी सेना जो झूठ फैलाने का काम करती है. हरियाणा को दोषी बताते थे, लेकिन NGT ने कहा कि दिल्ली में पानी जहरीला बनता है. 35 में से 23 STP मानकों पर फैल हैं. 2022 में NGT ने 910 करोड़ का जुर्माना लगाया था, लेकिन ट्रिब्यूनल कहता है कि जुर्माना जमा नहीं कराया गया है. केजरीवाल संवैधानिक संस्थाओं से टकराते हैं अराजकता फैलाते हैं. इसलिए NGT ने सरकार की लापरवाही पर 6100 करोड़ जुर्माना लगाया है.


इसकी मार भी दिल्ली ही पड़ने वाली है. केजरीवाल दिल्ली के विकास पर ध्यान दें, योजनाओं पर ध्यान दें. दिल्ली को मरने पर न छोड़ें. केंद्र के एक्सप्रेसवे नहीं होते तो दिल्ली की स्थिति और खराब होती. जब वे आए तो अकेले खासते थे आज पूरी दिल्ली खांस रही है. केजरीवाल झूठ की दुकान हैं.


यमुना प्रदूषण का मुद्दा सदन में उठाने की कोशिश की, लेकिन स्पीकर ने हमें सदस्यता रद्द करने की धमकी दी. जब से केजरीवाल सरकार में आए हैं यमुना 200% ज्यादा गंदी हुई है. ये दिल्ली सरकार की ही रिपोर्ट है, लेकिन हमें मुद्दा सदन में उठाने की मंजूरी नहीं दी जाती.


NGT के जुर्माने 6100 करोड़ की रिकवरी आम आदमी पार्टी से ली जाएं, टैक्सपेयर का पैसा क्यों बर्बाद हों. NGT ये जुर्माना AAP के खजाने से वसूले ये हमारी मांग है. केंद्र ने यमुना की सफाई के लिए 2500 करोड़ दिया है. केंद्र बार बार जानकारी मांग रहा है कि ये खर्च कहां कहां हुआ है, लेकिन जानकारी नहीं दी जा रही. मामला विधानसभा में उठाने नहीं दिया जा रहा है. साल भर पहले पहले NGT ने 910 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया था और अब ये 6100 करोड़ रुपये हो गया है. इसकी वसूली AAP के खजाने से की जाए. हरियाणा से आ रहा पानी ठीक है ये दिल्ली सरकार के विभाग डीपीसीसी की रिपोर्ट है.