Delhi Crime: इंस्टाग्राम के माध्यम से छात्रों को देते थे ड्रग्स, 6 आरोपी गिरफ्तार
Delhi Crime: दिल्ली के कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में ड्रग तस्कर लगातार सक्रिय होते जा रहे हैं. गिरफ्तार किए गए आरोपियों ने बताया कि गांजे को दिल्ली, गुरुग्राम और नोएडा में अपने विभिन्न ग्राहकों को पोर्टर व वी-फास्ट सेवाओं के माध्यम से बेचता है.
Delhi Crime: निरंतर सूचना मिल रही थी कि कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में ड्रग तस्कर बहुत सक्रिय हो रहे हैं और वो कॉलेज जाने वाले छात्रों को ड्रग्स की आपूर्ति कर छात्रों का जीवन खराब कर रहे हैं. अपराध शाखा द्वारा इस तरह के ड्रग तस्करों पर कड़ी कार्यवाही की गई. एनडीआर/अपराध शाखा की टीम ने मणिपुर और थाईलैंड से दिल्ली- NCR के क्षेत्र में गांजा और जैविक गांजा की तस्करी में शामिल एक अंतरराज्यीय गिरोह का पर्दाफाश किया है.
इस गिरोह के 3 सदस्यों को गिरफ्तार किया गया है. हरियाणा से गिरफ्तार हुए आरोपियों के पास से 48 किलोग्राम उच्च गुणवत्ता वाला गांजा और 100 ग्राम जैविक गांजा बरामद किया गया है. दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच को गुप्त सूचना मिली की पूर्वोत्तर क्षेत्र का एक ड्रग तस्कर गिरोह जो डीएलएफ कैपिटल ग्रीन्स, मोती नगर, दिल्ली में स्थित एक घर से दिल्ली- NCR में उच्च गुणवत्ता वाले गांजा, चरस, जैविक गांजा की आपूर्ति कर रहा है.
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यह गिरोह मणिपुर और शिलांग से रेलवे मार्ग द्वारा गांजा व फुकेत, थाईलैंड से हवाई मार्ग द्वारा जैविक गांजा की तस्करी करता है. अगर समय पर कार्यवाही की जाए तो गिरोह का पर्दाफाश किया जा सकता है. मिली सूचना के अनुसार टीम द्वार डीएलएफ कैपिटल ग्रीन्स, मोती नगर, दिल्ली में स्थित एक घर पर छापा मारा गया और 2 आरोपियों सफलतापूर्वक पकड़ लिया गया और उनके पास से 45 किलोग्राम गांजा भी बरामद किया गया.
पूछताछ के दौरान आरोपियों ने खुलासा किया कि वे सड़क, रेल, हवाई मार्ग के माध्यम से गंजा दिल्ली लाते हैं. उन्होंने अपने एक सहयोगी रुद्रांश गुप्ता को गांजा और जैविक गांजा की आपूर्ति की है. आरोपी नोंगमैथम जशोबंता सिंह की निशानदेही पर सह-आरोपी रुद्रांश गुप्ता को भी गिरफ्तार कर लिया गया व उसके घर से 2.78 किलोग्राम गांजा बरामद किया गया है.
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पूछताछ के दौरान आरोपियों ने बताया कि वह पिछले दो वर्षों से इस अवैध मादक पदार्थ तस्करी के कारोबार में संलिप्त है और उसने मिजोरम के रहने वाले नोंगमैथम जशोबंता और चकमा से गांजा व जैविक गांजा की डिलीवरी ली थी. वह इस गांजे को दिल्ली, गुरुग्राम और नोएडा में अपने विभिन्न ग्राहकों को पोर्टर व वी-फास्ट सेवाओं के माध्यम से बेचता है.
आरोपी रुद्रांश गुप्ता जशोबंता का सहयोगी था, जो जशोबंता मणिपुर से गांजा और थाईलैंड से जैविक गांजा ट्रांसपोर्ट करता था और इसे आगे बेचने के लिए रुद्रांश गुप्ता को सौंपता था. रुद्रांश गुप्ता विभिन्न विश्वविद्यालयों में वाट्सऐप, इंस्टाग्राम और फेसबुक जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के माध्यम से अपने ग्राहकों के संपर्क में था. उन्होंने इन प्लेटफार्मों पर अपने ग्राहकों से ऑर्डर लिए और पोर्टर, वी-फास्ट आदि जैसी डिलीवरी सेवाओं के माध्यम से डिलीवरी की. उसने अपने बैंक खातों में यूपीआई के माध्यम से पैसे लिए.