Delhi News: दिल्ली और एनसीआर में हाई-एंड बाइक का उपयोग करके सोने की चेन और महंगे मोबाइल फोन की लूट और स्नैचिंग के मामलों की गंभीरता को ध्यान में रखते शकरपुर  क्राइम ब्रांच की एक टीम को इन घटनाओं में शामिल गिरोह की पहचान, पता लगाने और पकड़ने के लिए नियुक्त किया गया था क्योंकि इन घटनाओं ने आम जनता में भय और असुरक्षा पैदा कर दी थी. टीम ने समान कार्यप्रणाली वाले अपराधियों के बारे में जानकारी विकसित की. आपराधिक खुफिया प्रणाली/मुखबिरों को भी सक्रिय किया गया. तकनीकी और मैनुअल इनपुट के माध्यम से सुराग विकसित किए गए. दिल्ली, नोएडा और गाजियाबाद में सभी संभावित मार्गों के सीसीटीवी फुटेज का बारीकी से और लगातार विश्लेषण किया गया.


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चुराई गई थीं बाइक्स
जोहरीपुर, दिल्ली, नंद नगरी, दिल्ली और बेहटा हाजीपुर, लोनी, यूपी के इलाकों में कई और लगातार छापे मारे गए और तीन शातिर लुटेरों अशरफ उर्फ ​​गुल्लू, तौफीक और इश्तिकार को सफलतापूर्वक गिरफ्तार किया गया. अपराध में इस्तेमाल की गई एक हाई-एंड बाइक सहित दो मोटरसाइकिल बरामद की गई, जो कि पीएस मुखर्जी नगर और पीएस एमएस पार्क से चुराई गई थीं.


केटीएम है गिरोह का सरगना
लगातार पूछताछ करने पर आरोपियों ने खुलासा किया कि नजाकत अली उर्फ ​​केटीएम उर्फ ​​भूरा (30 वर्ष) उनके गिरोह का सरगना है. वो सभी फिल्म (धूम) से बहुत प्रेरित हैं और डकैती करने के लिए हाई स्पीड बाइक चुराते हैं. नजाकत को उसका नाम 'केटीएम' भी मिला क्योंकि वह अपराध करने के लिए केवल हाई-स्पीड बाइक का उपयोग करता है. नजाकत पहले दिल्ली, नोएडा, गाजियाबाद, आगरा और कानपुर में हाई-एंड बाइक का उपयोग करके सोने की चेन और आइफोन की लूट/स्नैचिंग के 40 से अधिक मामलों में शामिल रहा है. नजाकत अली उर्फ ​​केटीएम उर्फ ​​भूरा एक खूंखार अपराधी है और उसका गिरोह हाई-स्पीड बाइक पर सड़क डकैती करने में माहिर है. कई घटनाओं में उन्होंने सड़कों पर चलती बाइकों पर लोगों को लूटा और फरार हो गए.


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पुलिस को दी थी चुनौती
एक बार नजाकत ने पुलिस को चुनौती दी थी कि वह एनसीआर के शहरों में लोगों को सोने की चेन पहनना बंद करवा देगा. यूपी पुलिस के साथ दो अलग-अलग मुठभेड़ों में दो बार गोली लगने के बावजूद वह नहीं रुका और अपनी लूट और स्नैचिंग जारी रखी. पुलिस या प्रत्यक्षदर्शियों को भ्रमित करने के लिए वो चलती बाइक पर ही कपड़े बदल लेते थे. नजाकत इस गिरोह को बहुत ही चालाकी से चलाता है और अपने साथियों के माध्यम से अपनी गतिविधियों को छिपाने की कोशिश करता है. वह इन 26 मामलों में से अधिकांश में प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से शामिल है. पकड़े जाने से बचने के लिए वह अपना पता, मोबाइल नंबर और बाइक बदलता रहता है. उसे पकड़ने के लिए कई छापे मारे जा रहे हैं, लेकिन वह अब तक अपनी गिरफ्तारी से बचने में कामयाब रहा है. लूटे गए सामानों को ठिकाने लगाने का काम नजाकत भूरा करता है.


इनपुट- राज कुमार भाटी