Delhi: दिल्ली उच्च न्यायालय मंगलवार को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की याचिका पर सुनवाई करेगा, जिसमें कथित शराब नीति घोटाले की चल रही जांच के सिलसिले में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा उनकी गिरफ्तारी के खिलाफ याचिका दायर की गई है. 1 जुलाई को, सीएम केजरीवाल को राउज एवेन्यू कोर्ट ने तिहाड़ जेल से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग (वीसी) के जरिए अपने वकीलों से दो अतिरिक्त मुलाकातें करने से मना कर दिया था.


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अदालत को समझाने में विफल रहे आवेदक के वकील
विशेष न्यायाधीश कावेरी बावेजा ने केजरीवाल की ओर से दायर आवेदन को खारिज कर दिया. विशेष न्यायाधीश ने कहा, आवेदक के वकील अदालत को यह समझाने में विफल रहे हैं कि आवेदक उन्हीं आधारों पर वीसी के जरिए दो अतिरिक्त कानूनी मुलाकातों का हकदार कैसे है. जिन पर पहले के आदेश में चर्चा की गई है और निपटा गया है. विचाराधीन आवेदन की सामग्री के आधार पर अलग दृष्टिकोण अपनाने का कोई कारण नहीं दिखता है. 


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केजरीवाल देश भर में कर रहे हैं  30 मुकदमों का सामना
यह विवाद में नहीं है कि आवेदक द्वारा अपने वकीलों के साथ अतिरिक्त कानूनी बैठकों की समान राहत मांगने वाली एक समान अर्जी इस अदालत द्वारा 10 अप्रैल, 2024 के विस्तृत आदेश के तहत खारिज कर दी गई थी.  यह प्रस्तुत किया गया कि केजरीवाल देश भर में लगभग 30 मुकदमों का सामना कर रहे हैं और मामलों पर चर्चा करने और निष्पक्ष सुनवाई के अपने अधिकार का दावा करने के लिए वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से अपने वकीलों के साथ दो अतिरिक्त बैठकों की आवश्यकता है. केजरीवाल के वकील ने यह भी प्रस्तुत किया कि इस अर्जी को दायर करने के बाद आवेदक को सीबीआई ने एक और मामले में गिरफ्तार कर लिया है. इसके अलावा सह-आरोपी संजय सिंह को 22 फरवरी, 2024 के आदेश द्वारा अतिरिक्त कानूनी बैठकों की अनुमति दी गई थी.


सीबीआई ने सुनवाई के दौरान प्रस्तुत किया कि पुलिस हिरासत रिमांड के दौरान आरोपी अरविंद केजरीवाल से जांच/पूछताछ की गई है.  केजरीवाल ने जांच में सहयोग नहीं किया और रिकॉर्ड पर मौजूद सबूतों के विपरित जानबूझकर टालमटोल जवाब दिए. 


Input: ANI