Delhi Floods: राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में यमुना के बढ़ते जलस्तर के मद्देनजर केजरीवाल सरकार की ओर से राहत और बचाव कार्य युद्धस्तर पर चल रहा है. इसी कड़ी में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के निर्देशों का पालन करते हुए बुधवार को सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण मंत्री सौरभ भारद्वाज ने दिल्ली के सिविल लाइंस इलाके में मोटर बोट द्वारा यमुना के विभिन्न हिस्सों में जाकर मुआयना किया. साथ ही किसी भी आपातकालीन स्थिति के लिए विभागों को सदैव अलर्ट रहने के निर्देश दिए. इस दौरान सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण मंत्री सौरभ भारद्वाज ने राहत और बचाव संबंधी तैयारियों का भी जायजा लिया. मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कहा कि दिल्ली सरकार स्थिति पर लगातार पैनी नजर रखे हुए है और हर स्थिति से निपटने के लिए हम तैयारियां कर रहे हैं. डूब क्षेत्रों से लोगों को सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित किया जा रहा है.


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निचले इलाके में बाढ़ जैसे हालात
सौरभ भारद्वाज ने कहा कि इसके पीछे जो एकमात्र कारण नजर आता है, वह हथिनीकुंड बैराज की ओर से लगातार लाखों क्यूसेक आता हुआ पानी है. उन्होंने बताया कि यमुना में खतरे का निशान 205.33 मीटर है, परंतु आज दोपहर लगभग 1:00 बजे यमुना का जलस्तर 207.55 मीटर मापा गया है, जो कि खतरे के निशान से काफी ऊपर है. यदि इसी तरह से लगातार यमुना में जलस्तर बढ़ता रहा तो यमुना के आसपास के क्षेत्रों में जो पानी को रोकने के लिए बांध लगे हुए हैं, उनको पार कर यमुना का पानी दिल्ली की सड़कों तक आ सकता है. 


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विभागों ने कसी कमर
दिल्ली की मौजूदा हालात देखते हुए सभी विभागों ने कमर कस ली है. युद्धस्तर पर राहत व बचाव कार्य जारी है. राहत और बचाव कार्यों के लिए यमुना में विभिन्न जगहों पर मोटर बोट्स तैनात किए गए हैं, जिसपर बचाव संबंधित सभी जरुरी उपकरण मौजूद हैं. साथ ही गोताखोर और मेडिकल टीमें भी तैनात हैं. 


कल और बढ़ सकता है पानी
सौरभ भारद्वाज ने बताया कि दिल्ली से हथिनीकुंड दिल्ली से करीब 228 किमी दूर है और करीब 48 घंटे बाद पानी यहां पहुंचता है. कल हथिनीकुंड से 3 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया था, जोकि कल यानी बृहस्पतिवार तक दिल्ली में पहुंचेगा. ऐसे में यमुना में जलस्तर और अधिक बढ़ सकता है. अगर हथिनीकुंड से इससे भी ज्यादा पानी छोड़ा जाता है तो उसे रोकना सरकार के कंट्रोल में नहीं है, मगर हमने हर स्थिति से निपटने के लिए तैयारियां शुरू कर दी है.