दिल्ली में LG ने 30 अक्टूबर को किया ड्राई-डे घोषित, छठ पूजा को लेकर लिया निर्णय
दिल्ली में इस बार छठ पूजा पर एलजी वी.के. सक्सेना ने ड्राई-डे घोषित किया है. 30 अक्टूबर को दिल्ली में शराब बिक्री पर प्रतिबंध रहेगा. वहीं एलजी ने सीएम केजरीवाल को चिट्ठी लिखकर श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए पुख्ता इंतजाम करने की मांग की है.
Chhath Puja: राजधानी दिल्ली में उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना (Delhi Lieutenant Governor Vinay Kumar Saxena) से छठ पूजा के दिन ड्राई डे के रूप में घोषित किया है. 30 अक्टूबर को दिल्ली में शराब बिक्री पर रोक रहेगी. यह निर्णय दिल्ली एलजी ने छठ पूजा पर श्रद्धालुओं की सुरक्षा को ध्यान में रखकर लिया है. वहीं इस खबर से शराब का सेवन करने वालों को झटका लगा है. छठ पूजा पर ड्राई-डे घोषित करने की मांग भाजपा और कांग्रेस की तरफ से भी की गई थी.
ये भी पढ़ें: प्रदूषण से बेहाल Delhi-NCR, 16 जगहों पर AQI पहुंचा 400 पार, जानें अपने शहर का हाल
बता दें कि छठ पूजा को लेकर एलजी ने दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल को एक चिट्ठी भी लिखकर त्योहार के लिए पुख्ता इंतजाम करने के निर्देश दिए हैं. वहीं उन्होंने यमुना नदी में झाग पर चिंता जताते हुए इसका समाधान करने को भी कहा है. छठ पूजा पर महिलाएं करीब 36 घंटे का व्रत रखती हैं. इस दौरान वो छठी मईया और सूर्यदेव की पूजा-अर्चना करती हैं. कहा जाता है कि छठी मईया सूर्य देव की मानस बहन हैं. छठ त्योहार के पहले दिन नहाय-खाय, दूसरे दिन खरना, तीसरे दिन छठ यानी पहला अर्घ्य और चौथे दिन उगते सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है. इसके साथ ही इस त्योहार का समापन होता है. कल 30 अक्टूबर को छठ पूजा मनाई जाएगी. इसलिए कल दिल्ली में ड्राई डे रहेगा. दिल्ली में शराब की दुकानें बंद रहेंगी. बता दें कि दिल्ली में पहली बार छठ पूजा पर ड्राई डे घोषित किया है.
वहीं राजनीतिक पार्टियां आम आदमी पार्टी (AAP) और बीजेपी (BJP), छठ पर्व की आड़ में दिल्ली में निवास कर रहे बिहार-झारखंड और पूर्वी यूपी के वोटरों को साधने में कोई कसर नहीं छोड़ रहीं. वहीं भाजपा और आप एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप का दौर चल रहा है. दिल्ली में लाकों लोग छठ मनाने की तैयारियां कर रहे हैं. छठ पूजा लाखों लोगों की आध्यात्मिक, सांस्कृतिक और धार्मिक आस्था से जुड़े सबसे बड़े त्योहारों में से एक है. इसके लिए भारी संख्या में श्रद्धालु दिल्ली के तालाबों, नदियों, जलाशयों और झीलों जैसे जलाशयों में उगते और डूबते सूरज की पूजा करने के लिए एकत्र होते हैं. कोरोना महामारी के कारण त्योहार पर दो साल प्रतिबंध लगा रहा है. इसलिए उनको कोई भी समस्या नहीं आनी चाहिए.