Delhi News: आप नेता और दिल्ली सरकार के पूर्व मंत्री सत्येन्द्र जैन की जेल में मुश्किलें बढ़ गई है. दिल्ली के एलजी वीके सक्सेना ने रिश्वत मामले में सत्येंद्र जैन के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण (POC) अधिनियम के तहत जांच को मंजूरी दे दी है. सत्येंद्र जैन पर 70 विधानसभा क्षेत्रों में सीसीटीवी लगाने के लिए 571 करोड़ रुपये की परियोजना के संबंध में 7 करोड़ रुपये की रिश्वत लेने का आरोप है. 


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जांच की मंजूरी के लिए केंद्रीय गृह मंत्रालय को भेजा पत्र
एलजी ने इस मामले को पीओसी अधिनियम की धारा 17 ए के तहत संदर्भित करने के डीओवी के प्रस्ताव पर सहमति व्यक्त की. 1998 में एसीबी द्वारा सत्येंद्र जैन के खिलाफ जांच की मंजूरी के लिए केंद्रीय गृह मंत्रालय को पत्र भेजा गया.


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10 साल में 200 से ज्यादा फर्जी मामले दर्ज- आतिशी 
वहीं पूर्व मंत्री सत्येन्द्र जैन के खिलाफ जांच की इजाजत देने पर आप नेता आतिशी का कहना है कि बीजेपी दिन-रात दिल्ली सरकार के खिलाफ साजिश रचने में लगी हुई है. आम आदमी पार्टी के नेताओं के खिलाफ 10 साल में 200 से ज्यादा मामले दर्ज किए गए. लेकिन आज तक कहीं से भी भ्रष्टाचार का एक भी रुपया बरामद नहीं हुआ है. उन्होंने कहा कि यह एक और फर्जी मामला है, जो बीजेपी सत्येन्द्र जैन के खिलाफ रच रही है. 


जानें क्या है पूरा मामला
भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड कंपनी के एक कर्मचारी ने एक शिकायत दी थी कि दिल्ली में लगे सीसीटीवी कैमरों में गड़बड़ी है. शिकायत को देखते हुए 16 करोड़ की पेन्लटी लगाई गई थी. बाद में इस पेनल्टी को हटाने के लिए सत्येद्र जैन ने सात करोड़ की रिश्वत मांगी थी. इसते बाद ACB ने जांच शुरू की थी. तभी अब एलजी ने पीओसी के तहत जांच को मंजूरी दी है. 


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