नई दिल्ली: MCD चुनाव को लेकर दिल्ली में राजनीति तेज हो गई हैं, सभी पार्टियां अपनी पार्टी को सबसे अच्छा दिखाने में जुट गई हैं. आज नामांकन वापसी का आखिरी दिन है, इसके बाद चुनाव आयोग प्रत्याशियों की आखिरी सूची जारी करेगा. इस बीच BJP, AAP और कांग्रेस द्वारा लगातार MCD चुनाव में जीत का दावा भी किया जा रहा है. ZEE MEDIA की टीम 'चुनावी चौराहा' के तहत लगातार सभी वार्डों में पहुंचकर वहां की समस्याओं को सामने ला रही है. 


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आज ZEE MEDIA की टीम इंदरपुरी (Inder Puri) वार्ड 140 और नारायणा (Naraina) वार्ड 139 पर पहुंची और यहां के लोगों की समस्याओं के बारे में चर्चा की. इसके साथ ही हमारी टीम ने ये भी जाना की आगामी नगर निगम चुनाव में इन वार्ड के लोगों के लिए कौन से वो मुद्दे होंगे जिनके आधार पर वो अपने वोट देंगे. 


Naraina Ward no. 139 
पूर्व पार्षद - छैल बिहारी (BJP)
नारायणा के लोगों से बात करने पर पता चला कि यहां गंदगी और नाली की समस्या बहुत बड़ी है. नाली ब्लॉक्ड रहती हैं और नाली साफ करने के लिए एमसीडी के कर्मचारी पैसे लेते हैं. सड़कें गंदी होने के साथ-साथ उनमें बहुत गड्डे हैं, जिन्हें ठीक नहीं किया जाता. सड़कों पर पड़ा कूड़ा, जगह-जगह इक्टठे कूड़े को भी उठाया नहीं जाता है.  


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साथ ही यहां जलभराव की समस्या होती है. जिससे मच्छरों का आतंक बढ़ रहा है और बीमारियां फैल रही हैं. इससे निजात पाने के लिए मच्छर मारने वाली दवाई के लिए छिड़काव की गाड़ी नहीं आती हैं.  लोगों की शिकायत है कि उनके पार्षद बिल्कुल दौरे पर नहीं आते हैं. लोगों ने बताया कि जब समस्याएं सामने रखी जाती हैं तो निवारण नहीं किया जाता है. 


Inder Puri Ward no. 140 
पूर्व पार्षद - सुनिता कौशिक (BJP)
इंदरपुरी के लोगों से बात करने पर पता चला कि यहां गंदगी और नाली की समस्या बहुत बड़ी है. लोगों ने बताया कि यहां बहुत ज्यादा बदबू आती है, इलाके में कूड़ा उठाने के लिए गाड़ी भी नहीं आती है. नाली के सड़कों पर बहने से चलना दुश्वार हो जाता है. साथ ही सड़कों की स्थिती बहुत ही बेकार है, सड़को पर गड्ढे हैं, बारिश के मौसम में जलभराव की स्थिती उत्पन हो जाती है. जिस कारण मच्छर हो जाते हैं और बीमरियां होती है. साथ ही इलाके में मच्छर के दवाई का छिड़काव नहीं किया जाता है. 
साथ ही लोगों ने यह भी कहा कि यहां बच्चों के खेलने के लिए MCD ने पार्क भी नहीं बनाया.  यब भी बोले कि एमसीडी स्वास्थ्य केंद्र में दवाईयां नहीं हैं और वहां डॉक्टर्स भी नहीं आते हैं. स्कूलों की स्थिति को लेकर बोले कि यहां स्कूलों में टीचर्स भी नहीं आती हैं. यहां के निवासी अपने पार्षद से भी दुखी दिखें, बोले कि यहां पार्षद बिल्कुल दौरे पर नहीं आते हैं, जब समस्याएं उनके सामने रखी जाती हैं तो केवल टरकाया जाता है.