Delhi MCD Election 2022: पार्षदों के काम से नाखुश वार्ड 127 और 129 के लोग, बोले- कचरा उठाने के मांगते हैं पैसे
दिल्ली नगर निगम के चुनावों में लोगों की राय जानने के लिए हमारी जी मीडिया की टीम चुनावी चौराहा कार्यक्रम कर रही है. इसमें टीम वार्ड-वार्ड जाकर लोगों से बातचीत कर उनकी परिशानी और राय जान रही है. आज हमारी टीम वार्ड नं. 127 और 129 पहुंची.
अनुष्का गर्ग/नई दिल्ली: दिल्ली में नगर निगम के चुनावों को लेकर चुनावी सरगर्मियां तेज हो गई हैं. सभी पार्टी अपना प्रचार करने और दूसरी पार्टी को नीचा दिखाने के लिए अपना 100% दे रही हैं. भाजपा और आम आदमी पार्टी में पोस्टर वार छिड़ा हुआ. दोनों पार्टियां एक दूसरे पर पोस्टर के जरिये निशाना साध रही हैं. वहीं इस बीच हमारी जी मीडिया की टीम भी दिल्ली के हर वार्ड में जाकर लोगों से उनकी परेशानी और राय जान रही है. चुनावी चौराहे में हमारी टीम ने वार्ड नं. 127 और 129 पहुंचकर लोगं की राय जानी.
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वार्ड नं. 127
जी मीडिया की टीम इस बार दिल्ली के नजफगढ़ के वार्ड संख्या 127 में पहुंची. यहां सुबह सुबह पार्क में घूमने आए लोगों से जी मीडिया की टीम ने लोगों से बातचीत की तो उन्होंने बताया कि एमसीडी के काम ठीक ठाक रहा है. साफ-सफाई उतनी अच्छी नहीं होती. लोगों ने कहा कि घरों के बाहर से कचरा उठाने वाले लोग 2 या 3 बजे आते हैं. वहीं उन्होंने कहा कि यहां पर पार्किंग की समस्या है. पूरे नजफगढ़ में कही भी पार्किंग की व्यवस्था सही नहीं है. स्ट्रीट लाइट कहीं की जलती है कहीं की नहीं जलती है. वहीं उन्होंने कहा कि एमसीडी वाले दुकानदारों से कचरा उठाने के लोगों से पैसे मांगते रहते है. लोग बोले कि पार्षद आते भी हैं तो कभी समस्याओं पर कोई संज्ञान नहीं लेते. सब पैसे और वोट के भूखे हैं. पब्लिक की कोई समस्या नहीं सुनी जाती है.
वार्ड नं. 129
बता दें कि MCD चुनाव को लेकर हमारी जी मीडिया की टीम रोशनपुरा के वार्ड संख्या 129 पहुंची. यहां पर हमारे संवाददाता से बातचीत में लोगों ने बताया कि यहां कि सड़कें टूटी हुई हैं, कोई एक बार भी सड़क बनवाने नहीं आया. सीवर खुले पड़े रहते हैं, जिनमें कभी भी कोई गिर सकता है. लोगों ने कहा कि चारों तरफ कूड़ा फैला हुआ है. एमसीडी का कोई भी कर्मचारी साफ सफाई करने नहीं आता. 100 कंप्लेन करने के बाद भी कोई जायजा नहीं लिया गया.
वहीं उन लोगों ने कहा कि चुनाव आने वाले हैं, इसीलिए कहीं-कहीं पर सड़कें ठीक कराई गई हैं. स्ट्रीट लाइट नही जलती है. पब्लिक टॉयलेट के नाम पर यहां कुछ नहीं है. इस इलाके में एक भी पार्क नही है. कभी घूमना फिरना भी हो तो दूसरे पार्क में जाना पड़ता है. लोगों ने कहा कि हम इनसे बार-बार बेल कर थक चुके हैं, लेकिन इनको कोई फर्क नहीं पड़ा.