Delhi Budget 2023: दिल्ली सरकार द्वारा आज दिल्ली का बजट पेश किया जाना था, लेकिन आज बजट पेश नहीं किया जाएगा. इस बारे में दिल्ली सरकार के वित्त मंत्री कैलाश गहलोत ने कल यानी सोमवार रात को जानकारी दी थी. उन्होंने बताया था कि केंद्रीय गृह मंत्रालय (MHA) ने दिल्ली सरकार को बजट पेश करने से रोक दिया है. वहीं इस पर आज दिल्ली सरकार के मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कहा कि बजट प्रजातंत्र का पर्व है. इसकी कार्रवाई पवित्र होती है. हिंदुस्तान के 75 साल में या पूरी दुनिया के इतिहास में ऐसा नहीं हुआ कि किसी राज्य का बजट तैयार हो और केंद्र सरकार उसको रोक दें.


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सौरभ भारद्वाज ने कहा कि आज 21 मार्च है. दिल्ली के सभी लोग जानते हैं कि आज के दिन दिल्ली का बजट दिल्ली की विधानसभा में आज वित्त मंत्री रखेंगे. वहीं उन्होंने खबर प्लांट की जाती है, लेकिन ये ऑन रिकॉर्ड है कि हमारा बजट 10 मार्च को केंद्र को भेजा गया था और 17 मार्च को केंद्र सरकार ने वापस भेजा. फाइल मुख्य सचिव और वित्त सचिव के पास थी, लेकिन वित्त मंत्री और सीएम को फाइल नहीं भेजी गई. 


उन्होंने कहा कि फाइल मुख्य सचिव को भेजी गई और मुख्य सचिव ने कल शाम 6 बजे वित्त मंत्री को कहा की केंद्र की तरफ से रुकावट है, जिसके बाद उन आपत्तियों पर वित्त मंत्री ने जवाब दिया. ये किसके कहने पर होता है कि वित्त सचिव और मुख्य सचिव फाइल को छुपाकर बैठे रहे. ये किसके लिए काम कर रहे हैं. ऐसा केंद्र के इशारे के बगैर संभव नहीं है.


एलजी और केंद्र सरकार क्यों हैं चुप- सौरभ
वहीं उन्होंने कहा कि अगर इसमें केंद्र सरकार मुख्य सचिव और वित्त सचिव का हाथ है तो उनसे जवाब मांगा जाए और उन पर कार्रवाई की जाए. अगर उन पर कार्रवाई नहीं होती है तो उसका कारण स्पष्ट है ये षड्यंत्र केंद्र सरकार कर रही है. ऐसा हम इसलिए कह रहे है, क्योंकि इस मामले में एलजी और केंद्र सरकार दोनों चुप हैं.


वहीं बजट को केंद्र सरकार के बाबू के पास भेजे जाने पर उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार के बाबू के पास ये बजट क्यों भेजा गया, क्या बाबू बताएंगे कि बजट सही है या नहीं. ये गैरकानूनी और गैर संवैधानिक है. वहीं उन्होंने बजट को लेकर कहा कि बोला जा रहा है विज्ञापन का बजट ज्यादा है, लोकिन ये झूठ है.


दिल्ली में दूसरे राज्यों के होर्डिंग पर सवाल
वहीं भाजपा पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि पूरी दिल्ली में उत्तर प्रदेश, हरियाणा, उत्तराखंड के होर्डिंग लगे हैं, लेकिन उनके बजट के लिए ऐसा कुछ नहीं होता. ये शर्मनाक है. केंद्र सरकार ये सही नहीं कर रही है.


पिछले साल जितना बजट विज्ञापन के लिए था इस साल भी उतना ही है. ये षड्यंत्र केंद्र सरकार कर रही है. दिल्ली सरकार के मुख्य सचिव हो या वित्त सचिव हो वो केंद्र सरकार के अंदर आते हैं. इसलिए ये सब केंद्र और एलजी के इशारे पर हो रहा है.