Delhi Weather : दिल्ली समेत उत्तर भारत में गर्मी अपने चरम पर है. हालत ये है कि सुबह 10 बजने तक राजधानी के कई इलाकों में तापमान 40 डिग्री से ज्यादा पहुंच जा रहा है. सूरज आसमान से आग बरसा रहा है. बुधवार दोपहर को भारतीय मौसम विभाग के रिकॉर्ड के मुताबिक दिल्ली के मुंगेशपुर में तापमान 52.3 सेल्सियस दर्ज किया गया. हालांकि बाद में मौसम विभाग ने सेंसर की खराबी की वजह से मुंगेशपुर में इतना ज्यादा तापमान दर्ज होने की संभावना जताई. इसका कारण स्थानीय भी हो सकता है. विभाग मुंगेशपुर में दर्ज किए गए डेटा और सेंसर का अध्ययन कर रहा है.


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29 मई को जारी रिपोर्ट के मुताबिक शहरी क्षेत्रों में दर्ज किया जाने वाला तापमान जल निकायों की निकटता, बंजर भूमि, कंक्रीट और घने शहरी क्लस्टर और  हरित क्षेत्रों आदि के कारण अलग-अलग होता है. काफी समय से आईएमडी के पांच प्रमुख स्टेशन मौसम संबंधी नियमित रिपोर्ट दे रहे हैं. मौसम में बदलाव और रिकॉर्ड का पता लगाने के लिए इन पांच स्टेशनों के डेटा पर विचार किया जाना चाहिए. 


2-3 दिनों में गर्मी कम हो जाएगी
बुधवार दोपहर में दिल्ली में कई जगहों पर बारिश होने के बाद तापमान में गिरावट आई है. पश्चिमी विक्षोभ, बारिश_आंधी और अरब सागर से उत्तर-पश्चिम भारत की ओर बहने वाली दक्षिण-पश्चिमी हवा की वजह से अगले 2-3 दिनों में गर्मी कम हो जाएगी. 


दिल्ली क्यों धधक रही है?
इन दिनों दिल्ली में लंबे समय से रह रहे लोगों के बीच इस बार की गर्मी चर्चा का केंद्र बिंदु बन चुकी है. उनका कहना है कि इतनी गर्मी उन्हें कभी नहीं झेलनी पड़ी. लोग जानना छह रहे है कि आखिर इस बढ़े हुए तापमान की असल वजह क्या है. यह जानने के लिए सेंटर फॉर साइंस एंड एन्वायरन्मेंट' (CSE) की एक रिपोर्ट मदद कर सकती है. इसके मुताबिक दिन प्रतिदिन शहर में कंक्रीट के स्ट्रक्चर और ह्यूमिडिटी बढ़ने की वजह से तापमान बढ़ रहा है.  


दरअसल CSE ने दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, हैदराबाद, बेंगलुरु और चेन्नई में 2001 से अप्रैल 2024 तक गर्मी के सीजन में तापमान और ह्यूमिडिटी डाटा का विश्लेषण किया. रिपोर्ट के मुताबिक अगर बेंगलुरु को छोड़ दिया जाए तो 2001-2010 की तुलना में 2014-2023 तक बाकी बचे पांच महानगरों में गर्मी के मौसम में औसत सापेक्ष आर्द्रता 5-10% बढ़ गई. बढ़ी हुई ह्यूमिडिटी सभी जलवायु क्षेत्रों में गर्मी को बढ़ा रही है.


ह्यूमिडिटी बढ़ने से क्या होता है?
दरअसल अधिक गर्मी और ह्यूमिडिटी शरीर को ठंडा रखने वाले तंत्र को प्रभावित करती है. हमारे शरीर पर पसीने से हवा टकराने पर हमें ठंडक महसूस होती है, लेकिन हाई ह्यूमिडिटी लेवल इस प्राकृतिक ठंडक को सीमित कर देती है. ऐसी स्थिति में लोग बीमार हो जाते हैं. वर्तमान स्थिति में बढ़ते तापमान और ह्यूमिडिटी हीट इंडेक्स को बढ़ा रहे हैं. 


कैसे होता है मौसम का आकलन 
2022 की गर्मियों के बाद से आईएमडी ने ऑटोमैटिक वेदर स्टेशन (एडब्ल्यूएस) नेटवर्क स्थापित किया था. दिल्ली-एनसीआर में 15 मैनुअल स्टेशनों के अलावा 5 विभागीय वेधशाला (सफदरजंग, पालम, आयानगर, रिज और लोदी रोड) हमें मौसम संबंधी जानकारी मुहैया कराती है.