Delhi Children's Hospital Incident: शनिवार रात पूर्वी दिल्ली के विवेक विहार  के एक बेबी केयर सेंटर (बच्चों के अस्तपाल) में आग लगी. आग की चपेट में आने से 7 नवजात बच्चों की मौत हो गई थी. इस मामले में फरार असप्ताल के मालिक को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. इस मामले में पुलिस ने एक और डॉक्टर को भी गिरफ्तार किया है. इसी के साथ दिल्ली सरकार ने इस मामले में मजिस्ट्रेट जांच के आदेश दिए है. 


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बच्चों के अस्पताल का मालिक गिरफ्तार 
बता दें कि देर रात विवेक विहार स्थित नवजात शिशु देखभाल अस्पताल में आग लगने से 7 बच्चों की मौत हो गई और कई अन्य घायल हो गए. जिसके बाद रविवार को पुलिस ने अस्पताल के मालिक नवीन खिची को गिरफ्तार कर लिया है. 


एक और डॉक्टर की हुई गिरफ्तारी 
विवेक विहार बेबी केयर सेंटर आग लगने के मामला में दिल्ली पुलिस ने एक और डॉक्टर आकाश (25) को गिरफ्तार किया. डॉक्टर आकाश की इस मामले में दूसरी गिरफ्तारी है. डॉक्टर आकाश जिस वक्त आग लगी उस वक्त ड्यूटी डॉक्टर था. इस वक्त का हेड था. दिल्ली पुलिस इस मामले में 304 ( गैर इरादतन हत्या ) की धारा भी FIR में जोड़ रही है.


अस्पताल की NOC 31 मार्च को हो गई थी खत्म- पुलिस
इस घटना को लेकर डीसीपी शाहदरा सुरेंद्र चौधरी का कहना है कि पता चला कि अस्पताल की एनओसी 31 मार्च को खत्म हो गई थी. साथ ही उनके पास 5 बेड तक की अनुमति थी, लेकिन उन्होंने 10 से ज्यादा बेड लगा दिए थे. इसके अलावा उनके पास फायर एग्जिट सिस्टम भी नहीं था, इसलिए इन सबको देखते हुए एफआईआर में आईपीसी की धारा 304 और 308 जोड़ दी है. इसके निदेशक डॉ. नवीन किची को गिरफ्तार कर लिया गया है. ड्यूटी पर मौजूद डॉक्टरों में से एक डॉ. आकाश को भी गिरफ्तार किया गया है. आरोपियों के दिल्ली में ऐसे 3 क्लीनिक हैं. 


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अस्पताल की बिल्डिंद में हो रही थी अवैध ऑक्सीजन सिलेंडर की रिफिलिंग
जब बेबी केयर सेंटर में आग लगी थी तब असप्ताल से धमाके की आवाजें आ रही थीं. जिसके बाद पता चला कि अस्पातल की बिल्डिंग में बड़ी संख्या में ऑक्सीजन सिलेंडर रखे गए थे और  सिलेंडर फटने से आग लगी. अस्पताल में ऑक्सीजन सिलेंडर की रिफिलिंग की काम होता था. 


NCPCR की टीम मौके पर कर रही मामले की जांच
इसी के साथ बता दें कि अस्पताल में आग लगने और नवजात बच्चों के मारे जाने की घटना का आयोग ने संज्ञान लिया है. राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग- NCPCR (National Commission for Protection of Child Rights) की एक टीम घटना की जांच के लिए मौके पर पहुंची है. 


NCPCR की सदस्य प्रीति भारद्वाज दलाल का कहना है कि यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है. इसके बारे में सुनकर किसी भी व्यक्ति की आंखों में आंसू ला सकता है. उन्होंने कहा कि हम देखेंगे कि क्या हुआ है और क्या उपाय करने की जरूरत है. साथ ही कहा कि हम जल्द ही आयोग को अपनी सिफारिशें देंगे. यह एक ऐसी घटना है जो किसी भी समय घटित होने की प्रतीक्षा कर रही थी. बात बस इतनी थी कि जिन बच्चों का पहले इलाज किया गया था, वे इतने भाग्यशाली थे कि वे सुरक्षित हैं.