Delhi News: दिल्ली तिमारपुर विधानसभा वजीराबाद में रहने वाले लोगों ने जनप्रतिनिधियों के झूठे आश्वासनों से परेशान होकर खुद चंदा इखट्टा कर खस्ताहाल व टूटी गलियों को बनवाया. अभी भी कई गलियों में गंदगी के अंबर व नालियों के गंदे पानी के जल जमाव से वजीराबाद गली no.16 में रहने वाले लोग बेहद ही परेशान सभी गलियों को बनाने के लिए चंदा इकट्ठा किया जा रहा है.


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दिल्ली के वजीराबाद इलाके में जलभराव व गलियों में फैली गंदगी से वजीराबाद निवासी बेहद ही परेशान हैं. यह वजीराबाद इलाके की 16 नंबर वाली गली है, जिसमें हर गली में गंदगी ही गंदगी व जलभराव और टूटी हुई गलियों के सिवा कुछ नहीं दिखाई देगा. गंदगी के चलते यहां बदबू इस कदर है कि इन गलियों में बने मकानों में रहने वाले लोगों का सांस लेना भी दुस्वार हो रहा है. इसी गंदगी के चलते यहां हर एक दूसरे घर में लोग परेशान है. इस समस्या का समाधान करवाने के लिए यहां स्थानिय लोगों ने जनप्रतिनिधियों को कई बार शिकायत व पत्राचार किए, लेकिन यहां न तो इन गलियों का निर्माण कार्य हुआ और न ही इन गलियों की साफ-सफाई प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा की गई.


आपको बता दें कि गली No. 16 में रहने वाले नरकीय जीनव जी रहे लोगों ने जनप्रतिनिधियों के झूठे वादे व आश्वासन से परेशान होकर सभी लोगों ने प्रत्येक घर से करीब 11 हजार रुपये चंदा इखट्टा किया और 16 no. गली की इस ब्रांच गली का निर्माण करवाया गया. तस्वीरों में देखा जा सकता है कि करीब 10 फिट चौड़ी व 180 मीटर लम्बी इस ब्रांच गली को RMC डाल कर बनाया जा चुका है. गली बने के बाद अब लोगों को राहत भी है. परंतु ये मात्र एक गली नही है, जिसका निर्माण कार्य करवाया गया बल्कि दूसरी गलियों में भी इसी तरीके से बनवाने के लिए गलियों में रहने वाले लोग चंदा इखट्टा कर रहे है ताकि गंदगी व टूटी हुई गलियों में हो रहे जलभराव से निजात मिल सके.


आपको बता दें कि वजीराबाद इलाके में ये चंदा इकट्ठा कर गली का निर्माण किया जाने वाली ये पहली गली नहीं, बल्कि करीब 1 वर्ष पहले जावेद उर्फ कमालुद्दीन नाम के एक मजदूर भी अपने निजी पैसे से कर्जा लेकर 8 फुट चौड़ी व करीव 150 मीटर लंबी गली का निर्माण करवाया था, क्योंकि उनकी इकलौती बेटी गंदगी के चलते बेहद बीमार हो चुकी थी और प्रशाशन की तरफ से गली को बनाने के सिर्फ आश्वाशन ही मिल रहे थे.


आपको बता दें कि वजीराबाद इलाके में दिल्ली सरकार द्वारा गलियों को बनाए जाने का काम भी लगातार कई वर्षों से चल रहा है, लेकिन वह निर्माण कार्य अधर में अटका हुआ है, जब वजीराबाद इलाके में जनप्रतिनिधियों व प्रशासन के खिलाफ विरोध प्रदर्शन व धरना दिया जाता है तो कुछ समय के लिए सड़क व गलियों के निर्माण कार्य शुरू होते है फिर कुछ समय बाद फिर से बंद हो जाते हैं.


फिलहाल आपको बता दें कि चंदा उघाकर गली का निर्माण कराने के बाद स्थानीय जनप्रतिनिधि व प्रशासनिक अधिकारियों पर बड़ा सवाल खड़ा होता है कि जिस तरीके से प्रशासन व जनप्रतिनिधि जनता की समस्या का समाधान करने के आश्वासन यहां लगातार कई वर्षों से दे रहे हैं. आखिरकार धरातल पर कार्य पूर्ण रूप से क्यों नहीं किया जाता है. यदि इलाके में लोगों चंदा इकट्ठा कर अपनी गलियों का निर्माण ही कराना है तो शायद ऐसे में जनप्रतिनिधियों का जनता के वोट पर भी कोई अधिकार नहीं होना चाहिए.


Input: Nasim Ahmad