Delhi News: केंद्र सरकार ने भारतीय कुश्ती महासंघ (WFI) की नई संस्था की मान्यता रद्द कर दी है. केंद्रीय खेल मंत्रालय ने कुश्ती महासंघ पर ये कार्रवाई राष्ट्रीय कुश्ती प्रतियोगिता आयोजित करने की जल्दबाजी को लेकर की है. मंत्रालय ने WFI के नवनियुक्त अध्यक्ष संजय सिंह को भी सस्पेंड कर दिया है. संजय सिंह को बीजेपी सांसद और पूर्व WFI अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह का करीबी बताया जा रहा है. उन्हें भी अब सस्पेंड कर दिया गया है. 


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बता दें कि भारतीय कुश्ती महासंग के लिए हुए चुनाव में जबसे संजय सिंह को जीत मिली और उनका अध्यक्ष बनना तय हुआ, तब से ही पहलवानों ने इस पर आपत्ति जताई थी. पहलवानों का कहना था कि संजय सिंह बीजेपी सांसद बृजभूषण शरण सिंह के करीबी हैं और ऐसे में डब्ल्यूएफआई में किसी भी तरह के सुधार की उम्मीद नजर नहीं आती है. हालांकि, कुश्ती महासंघ की मान्यता को और संजय सिंह को जिस वजह से सस्पेंड किया गया है, वो बिल्कुल ही अलग मामला है. उसमें सांसद बृजभूषण शरण सिंह से जुड़ा कोई मामला नहीं है.


खेल मंत्रालय ने आज यानी रविवार (24 दिसंबर) को कुश्ती महासंघ और इसके नवनियुक्त अध्यक्ष संजय सिंह को सस्पेंड कर दिया. खेल मंत्रालय का कहना है कि डब्ल्यूएफआई ने मौजूदा नियम-कायदों की उपेक्षा की है. खेल मंत्रालय ने आधिकारिक प्रेस रिलीज में कहा है कि राष्ट्रीय कुश्ती प्रतियोगिता आयोजित करने का ऐलान जल्दबाजी में किया गया और इसके नियमों का पालन नहीं हुआ. इस प्रतियोगिता का आयोजन उत्तर प्रदेश के गोंडा में होना था, जोकि बृजभूषण सिंह का इलाका है.


केंद्रीय खेल मंत्रालय ने कहा कि नवनिर्वाचित अध्यक्ष संजय कुमार सिंह ने 21 दिसंबर को ऐलान कर दिया कि जूनियर राष्ट्रीय प्रतियोगिताएं इस साल के अंत से पहले शुरू हो जाएंगी, मगर ये नियमों के खिलाफ है, क्योंकि प्रतियोगिता शुरू करने के लिए कम से कम 15 दिन के का नोटिस देना होता है, ताकि पहलवान प्रतियोगिता की तैयारी कर सकें. वहीं मंत्रालय ने आरोप लगाया कि नई संस्था पूरी तरह से पुराने पदाधिकारियों के कंट्रोल में दिखाई पड़ता है, जिन पर पहले ही यौन उत्पीड़न के आरोप हैं.