Delhi News: कोटला में करंट लगने से मासूम की मौत, रोहिणी में गड्ढे में डूबने से 2 की गई जान
Delhi News: दिल्ली के रणहौला क्षेत्र में एक 13 वर्षीय लड़के की क्रिकेट ग्राउंड में करंट लगने से मौत हो गई. वहीं, रोहिणी के प्रेम नगर में दो लड़कों की पानी से भरे गड्ढे में डूबने से मृत्यु हो गई. पुलिस ने इन घटनाओं के संबंध में आवश्यक कानूनी कदम उठाए हैं.
Delhi News: रविवार को दिल्ली के कोटला इलाद के रणहौला क्षेत्र में क्रिकेट ग्राउंड में करंट लगने से एक 13 वर्षीय लड़के की मौत हो गई. घटना तब हुई जब वह कोटला विहार फेज-2 के ग्राउंड में गेंद लेने गया और लोहे के बिजली के खंभे से संपर्क में आने से उसे करंट लग गया. लड़के को तुरंत पीसीआर वैन द्वारा दीन दयाल उपाध्याय अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया.
गड्ढे में डूबने से मौत
वहीं, शुक्रवार को रोहिणी के प्रेम नगर में दो लड़कों की पानी से भरे गड्ढे में डूबने से मौत हो गई. यह हादसा तब हुआ जब वे रानी खेड़ा बस डिपो के पास बारिश के पानी से भरे गड्ढे में नहा रहे थे. एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया, "9 अगस्त की रात 8:20 बजे प्रेम नगर थाने को स्थानीय अस्पताल से सूचना मिली कि दो लड़कों की मौत हो गई है."
पुलिस ने क्या कहा?
पुलिस ने अस्पताल पहुंचकर मृतकों के लिए चिकित्सा-कानूनी प्रमाण पत्र प्राप्त किए. मृतकों की पहचान प्रेम नगर के निवासी उदय (15) और मयंक (17) के रूप में की गई. डीसीपी (रोहिणी) गुरइकबाल सिंह सिद्धू ने बताया, "मानसून के दौरान, कई खाली प्लॉट बारिश के पानी से भर जाते हैं. लगातार चेतावनी देने के बावजूद, बच्चे और वयस्क इन इलाकों में तैरने के लिए चले जाते हैं. दिल्ली के जलभराव वाले क्षेत्रों में डूबने की घटनाओं में खतरनाक वृद्धि को देखते हुए, हमारी टीम लगातार जागरूकता बढ़ाने का प्रयास कर रही है. हम माता-पिता से आग्रह करते हैं कि वे अपने बच्चों को इन खतरनाक प्लॉट्स में तैरने से रोकें, क्योंकि इससे उनकी सुरक्षा को गंभीर खतरा हो सकता है. वयस्कों को भी अपने जीवन को इस तरह खतरे में डालने से बचने की सख्त सलाह दी गई है."
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एक-दूसरे के मत्थे 'खेल'
अधिकारियों ने इस मामले के संबंध में आवश्यक कानूनी कदम उठाने शुरू कर दिए हैं. पुलिस का दावा है कि जिस भूमि पर यह घटना हुई, वह डीडीए की है, लेकिन डीडीए ने इस दावे को खारिज कर दिया. डीडीए ने कहा, "यह घटना बेहद दुखद और कष्टदायक है, और हम अपनी गहरी संवेदनाएं व्यक्त करते हैं. जिस खाली भूमि पर यह घटना हुई, वह डीएसआईआईडीसी के कब्जे में है और इसे वर्ष 2007 में उन्हें सौंपा गया था."