Delhi News: नोएडा के ट्विन टावर की तर्ज पर दिल्ली के मुखर्जी नगर में बने सिगनेचर व्यू अपार्टमेंट को भी ध्वस्त करने की तैयारी की जा रही है. 2010 में DDA द्वारा बनाकर तैयार किया गया सिगनेचर व्यू अपार्टमेंट, जिससे IIT दिल्ली और श्रीराम लैब ने अपनी रिपोर्ट में अनसेफ घोषित किया. जल्द से जल्द अपार्टमेंट की सभी टावर को खाली कर गिराने की बात की जा रही है. लगभग सभी टावर पूरी तरीके से  जर्जर हो चुके हैं. हादसे के डर के साए में स्थानीय लोग रहने को मजबूर हैं, जिसके बाद 85 परिवार पलायन कर चुके हैं.


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दिल्ली में गिरेगा DDA का अपरार्टमेंट
दिल्ली के मुखर्जी नगर इलाके में साल 2008 से 2010 के बीच DDA विभाग द्वारा सिगनेचर व्यू अपार्टमेंट के नाम से एक सोसाइटी तैयार की गई, जिसको अब ट्विन टावर की तर्ज पर ध्वस्त करने की तैयारी हो रही है. यह सोसाइटी 2.83 हेक्टेयर भूमि पर बसाई गई है, जिसमें 336 परिवार रहते हैं. सोसाइटी में डीडीए द्वारा 224 HIG फ्लैट व 112 MIG फ्लैट बनाए गए हैं. सभी 336 फ्लैट 12 टावर में बने हुए हैं, जिसमें 10 टावर 10 मंजिला हैं, जबकि दो टावर 6 मंजिला हैं. अब यह पूरी सोसाइटी जर्जर हो चुकी है, हर जगह दीवारों में बड़ी-बड़ी दरारें आ रही हैं. साल 2012 में HIG फ्लैट्स अलॉट हुए. 1 साल बाद 2013 में पहला हादसा i901 नंबर फ्लैट में हुआ, जिसकी पूरी छत भरभराकर गिर पड़ी.


जांच में अनसेफ दर्ज हुए फ्लैट्स
RWA का कहना है जब‌ अपार्टमेंट बना, तब प्लास्टर ग्रेट वॉश का किया गया था, लेकिन कई बार हादसे होने की वजह से 2016-17 में डीडीए द्वारा ग्रेट वॉश को उतार कर प्रॉपर प्लास्टर किया गया. जिस वक्त डीडीए के अधिकारी और कर्मचारियों को बिल्डिंग में लगे सरिये के गलने और सड़ने की जानकारी मिल गई. खराब कंस्ट्रक्शन की जानकारी मिलने के बावजूद डीडीए द्वारा 2017 में 2BHK-MIG फ्लैट्स की अलॉटमेंट की गई. इस दौरान समिति के RWA द्वारा कई शिकायतें की गई, जिसके बाद डीडीए द्वारा IITE के स्ट्रक्चर एक्सपर्ट डॉ बिश्नोई को कंस्ट्रक्शन में किन जगहों पर खामियां हैं वह पता लगाने की जिम्मेदारी थी. जिस वक्त श्री राम लैब को सैंपल लेने और खामियों की पुख्ता जांच के लिए बुलाया गया श्रीराम लैब द्वारा 300 से ज्यादा फ्लैट्स के सैंपल्स लिए गए. श्रीराम लैब की रिपोर्ट के आधार पर IITE दिल्ली द्वारा रिपोर्ट तैयार की जिसमें बताया गया कि सिगनेचर व्यू अपार्टमेंट के सभी 12 टावर अनसेफ हैं, जिन्हें तुरंत खाली करा कर डिमोलिश किया जाना चाहिए.


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उपराज्यपाल ने दिए निर्देश
शुरुआती दौर में DDA के अधिकारी इस बात को अनदेखा कर रहे थे और अपार्टमेंट के लोगों को पैसा तक देने के लिए तैयार नहीं थे, लेकिन RWA के पदाधिकारी इस मामले को लेकर उपराज्यपाल तक पहुंचे. इसके बाद उन्होंने उनकी सहायता की और आदेश दिया कि DDA HIG फ्लैट्स में रहने वाले लोगों को ₹50000 और MIG फ्लैट्स में रहने वाले लोगों को ₹38000 किराए के तौर पर दें और 3 साल के अंदर इन फ्लैट्स को गिराकर नया बनाकर लोगों को अलॉट करें, जिसमें DDA ने दस्तावेजों में कुछ खामियां छोड़ दी, जिसको पूरा करने और अपने कुछ बची हुई मांगों को मनवाने के लिए स्थानीय लोग और आरडब्ल्यूए के सदस्य लोग उपराज्यपाल महोदय से दोबारा मिलने की कोशिश कर रहे हैं.


INPUT- Naseem Ahmed