Delhi Air Pollution: राष्ट्रीय राजधानी में हवा की क्वालिटी गंभीर श्रेणी में पहुंच गई है. इसी को ध्यान में रखते हुए अधिकतर लोग खरीदारी के लिए बाजारों में आने से परहेज कर रहे हैं. जहां रोजाना एनसीआर से 3 से 4 लाख लोग खरीदारी के लिए दिल्ली आते थे. प्रदूषण के कारण इनकी संख्या घटकर 1 लाख रह गई है.


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व्यापारी संगठन चैंबर ऑफ ट्रेड एंड इंडस्ट्री (CTI) के चेयरमैन बृजेश गोयल और अध्यक्ष सुभाष खंडेलवाल ने एयर पलूशन पर चिंता जताई है और इस मुद्दे पर पीएम नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा है.


सीटीआई चेयरमैन बृजेश गोयल और अध्यक्ष सुभाष खंडेलवाल ने बताया कि अब शादी-ब्याह का सीजन करीब है‌, मार्केट में फुटफॉल अच्छा होता है. दिल्ली में दूसरे शहरों से भी ग्राहक आते हैं अब प्रदूषण की वजह से लोग आना नहीं चाहते हैं. बहुत से लोगों को सांस लेने में तकलीफ हो रही है. श्वास संबंधी खरीददार तो बिल्कुल घर से बाहर नहीं निकल रहे हैं.


सीटीआई का कहना है कि प्रदूषण ना केवल दिल्ली की समस्या है बल्कि नोएडा, फरीदाबाद, गुड़गांव, सोनीपत जैसे एनसीआर के शहरों में भी AQI लेवल गंभीर श्रेणी में पहुंच गया है और इसका समाधान केन्द्र सरकार ही निकाल सकती है. 


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दिल्ली सरकार अपनी तरफ से भरसक प्रयास कर रही है, लेकिन दिल्ली एनसीआर के प्रदूषण से मुक्ति दिलाना केवल दिल्ली सरकार के हाथ में नहीं है. जब तक हरियाणा, उत्तर प्रदेश, पंजाब, राजस्थान, दिल्ली की सरकारें मिलकर काम नहीं करती तब-तक दिल्ली एनसीआर के प्रदूषण से मुक्ति मिलना असंभव है.


इसलिए सीटीआई ने पीएम नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर इस मुद्दे पर एक इमरजेंसी मीटिंग बुलाने की मांग की है, जिसमें दिल्ली सरकार, हरियाणा सरकार, पंजाब सरकार, यूपी सरकार, राजस्थान के मुख्यमंत्री और पर्यावरण मंत्री शामिल हों.


केंद्र सरकार से आग्रह है कि सभी सरकारों के साथ मिलकर वायु प्रदूषण के खिलाफ सख्ती से ठोस कदम उठाए, वरना कारोबार को नुकसान पहुंचना तय है. दिल्ली के 20 लाख व्यापारी पूरी तरह से सरकार के साथ हैं और अगर सरकार बाजारों को खोलने का समय अलग अलग करती है तो दिल्ली के सभी मार्केट एसोसिएशन्स सरकार को सहयोग करेंगे.