Water Crisis: राजस्थान के किसी सुदूर क्षेत्र में पानी न पहुंचे तो शायद अटपटा नहीं लगेगा, लेकिन दिल्ली जो कि देश की राजधानी है. वहां के एक पॉश इलाके में हर महीने सप्ताह-सप्ताह भर पानी की सप्लाई में बाध्यता हो, लोगों को टैंकर मंगाने पड़े तो आपके मन में क्या आएगा, जरा एक बार विचार कीजिए. खैर हुक्मरान जब अपने विचारों और चुनावी द्वन्द के समंदर में डुबकी लगा रहे हैं, तब हम आपको हकीकत बताते हैं. राजधानी दिल्ली के वसंत कुंज इलाके के सेक्टर C8 की जहां लोग पिछले 6 दिन से पानी न मिलने से परेशान हैं.


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जहां दिल्ली सरकार और जल बोर्ड कट्टर ईमानदारी के साथ हर घर स्वच्छ जल पहुंचाने का दावा कर रहा है. वहीं इस पॉश इलाके में लोग नहाने को तो छोड़िए पीने के पानी के लिए भी परेशान हैं. खास बात ये है कि ये यहां पर बड़ी गाड़ियों में ऑफिस जाने वाले अब बालटियां लेकर पानी भरते दिखाई दे रहे हैं. कोरोना काल में कोरोना योद्धा बनी एक महिला डॉक्टर अब पानी के लिए योद्धा बनी हुई हैं.


आपकी जानकारी के लिए बता दें कि इस सोसायटी में 60% senior citizen की रिहायशी है. जिन्हें इस उमर में भी पानी के लिए राजधानी दिल्ली में संघर्ष करना पड़ रहा है और इतना ही नहीं कई तो मजबूरन पहली से लेकर तीसरी मंजिल तक पानी भी चढ़ा रहे हैं.


यहां कई लोगों ने आरोप लगाए हैं कि जल बोर्ड के टैंकर भी सेटिंग से ही आ रहे हैं. कुछ सिलेक्टिव घरों में direct सप्लाई है. जलबोर्ड को कॉल करने पर वो अपनी लाचारी के किस्से सुनाना शुरू कर देता है. लोगों ने तो टैंकर माफिया सक्रिय होने का भी अंदेशा बता दिया.


हमें शायद नहीं पता कि यहां पानी की समस्या का स्थायी निराकरण सरकार और हुक्मरान कब तक करेंगे, लेकिन ये स्तिथि राजधानी दिल्ली में बेहद निंदनीय है कि किल्लत के बाद भी दिल्ली जलबोर्ड जो खानापूर्ति के लिए टैंकर भेज रहा है. उनमें गंदा पानी है, जो कि पीने लायक बिलकुल नहीं है.