17 नवंबर को व्रत-पर्व का अद्भुत संयोग, वृश्चिक संक्रांति, गणेश चतुर्थी और छठ पूजा की होगी शुरुआत
17th November Festival List: 17 नवंबर व्रत-त्योहार की दृष्टि से काफी महत्वपूर्ण रहने वाला है. इस दिन विनायक चतुर्थी, वृश्चिक संक्रांति के साथ ही चार दिवसीय छठ महापर्व की शुरुआत होगी.
17th November Festival List: 17 नवंबर को 3 बड़े व्रत-पर्व हैं, जिसमें पहला चार दिवसीय छठ महापर्व की शुरुआत, दूसरा विनायक चतुर्थी और तीसरा वृश्चिक संक्रांति शामिल है. इस दिन पूजा-पाठ के साथ ही दान का विशेष महत्व माना जाता है.
छठ महापर्व (Chhath Puja 2023)
चार दिवसीय महापर्व की शुरुआत कार्तिक शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि से होती है, जो इस साल 17 नवंबर से शुरू होगा. इस पर्व में महिलाएं संतान की सलामती के लिए 36 घंटे का निर्जला व्रत रखती है. 17 नवंबर को नहाय-खाय से छठ पूजा की शुरुआत होगी. 18 नवंबर को खरना पर्व, 19 नवंबर को संध्या अर्घ्य और 20 नवंबर को उगते सूर्य को अर्घ्य दिया जाएगा. इसके साथ ही 4 दिन के छठ पर्व का समापन होगा.
विनायक चतुर्थी (Vinayak Chaturthi)
पंचांग के अनुसार हर महीने दो चतुर्थी आती हैं, कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को संकष्टी चतुर्थी और शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को विनायक चतुर्थी कहा जाता है. ये दिन विघ्नहर्ता भगवान गणपति को समर्पित माना जाता है, ऐसी मान्यता है कि इस दिन विधान से गणपति का पूजन करने और व्रत रखने से भगवान गणेश उसके सभी कष्टों को दूर करते हैं.
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वृश्चिक संक्रांति 2023 (Vrishchik Sankranti 2023)
सूर्य देव एक राशि में 30 दिन तक रहते हैं और इसके बाद वो दूसरी राशि में प्रवेश करते हैं.सूर्य का एक राशि से दूसरी राशि में जाना ही संक्रांति कहलाता है. 17 नवंबर को सूर्य देव तुला राशि से निकलकर वृश्चिक राशि में प्रवेश करेंगे, इस दिन को वृश्चिक संक्रांति के रूप में मनाया जाएगा. वृश्चिक संक्रांति के दिन, स्नान, दान और तर्पण का विशेष महत्व माना जाता है. इस दिन तांबे के लोटे में जल भरकर सूर्य देव को अर्घ्य दें और गुड़ का दान करें.
शुक्रवार और चतुर्थी का संयोग
17 नवंबर को शुक्ल चतुर्थी शुक्रवार के दिन है, इस दिन मां लक्ष्मी के पूजन का विधान है. विनायक चतुर्थी के दिन भगवान गणेश के साथ ही मां लक्ष्मी का पूजन करने से घर में सुख-समृद्धि आती है.