Akshaya Tritiya 2023: 900 सालों बाद इस शुभ योग में मनाई जाएगी अक्षय तृतीया, जानें खरीदारी का शुभ मुहूर्त
Akshaya Tritiya 2023 Date: अक्षय तृतीया पर केदार, पर्वत, शंख, महादान, सुमुख, आयुष्मान और ध्वज नाम के 7 शुभ योग बन रहे हैं, जिससे आज के दिन का महत्व और ज्यादा बढ़ जाएगा.
Akshaya Tritiya 2023 Date: हिंदू धर्म में वैशाख महीने के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को अक्षय तृतीया के नाम से जाना जाता है. इस दिन सोने की खरीदारी और दान-पुण्य करने से अक्षय फल की प्राप्ति होती है. इसे शुभारंभ का पर्व भी माना जाता है. इस दिन किसी भी शुभ कार्य को करने के लिए मुहूर्त नहीं देखा जाता, ये स्वयंसिद्धि मुहूर्त है.
अक्षय तृतीया डेट (Akshaya Tritiya 2023 Date)- 22 अप्रैल 2023
तृतीया तिथि 22 अप्रैल सुबह 07 बजकर 49 मिनट से शुरू होगी और 23 अप्रैल सुबह 07 बजकर 47 मिनट पर समाप्त होगी.
पूजा का शुभ मुहूर्त - 22 अप्रैल सुबह 7 बजकर 49 मिनट से दोपहर 12 बजकर 20 मिनट तक.
सोना खरीदने का शुभ मुहूर्त
22 अप्रैल 2023 सुबह 07 बजकर 49 मिनट से 23 अप्रैल सुबह 7 बजकर 47 मिनट तक.
900 सालों बाद बन रहे ये शुभ योग
इस साल अक्षय तृतीया का पर्व बेहद खास रहने वाला है, क्योंकि सूर्य, चंद्रमा उच्च राशि में और शुक्र, शनि अपनी ही राशि में और मेष राशि में चतुर्ग्रही योग बन रहा है. इसके साथ ही आज केदार, पर्वत, शंख, महादान, सुमुख, आयुष्मान और ध्वज नाम के 7 शुभ योग बनेंगे, जिससे आज के दिन का महत्व और ज्यादा बढ़ जाएगा.पिछले 900 सालों में ऐसा शुभ संयोग कभी नहीं बना.
अक्षय तृतीया पर सोने के अलावा करें इन चीजों की खरीदारी
अक्षय तृतीया पर सोना खरीदने का विशेष महत्व है, सोने को अक्षय माना जाता है, जो कभी नष्ट नहीं होता. इसलिए इस दिन सोने की खरीदारी की जाती है. सोने के अलावा आप इस दिन कीमती धातु, मशीनरी और भूमि-भवन की खरीदारी कर सकते हैं. इसके अलावा कपड़े, बर्तन, फर्नीचर या अन्य जरूरत के सामान खरीदने के लिए भी आज का दिन बेहद शुभ माना जाता है. निवेश के लिए भी आज का दिन बेहद खास है.
अक्षय तृतीया पर शादी
अक्षय तृतीया के दिन शादी का भी विशेष महत्व माना जाता है, इस दिन अबूझ मुहूर्त होने की वजह से शादी का मुहूर्त निकलवाने की जरूरत नहीं होती. हालांकि इस साल अक्षय तृतीया पर शादी का कोई शुभ मुहूर्त नहीं है. पंडितों के अनुसार, इस साल अक्षय तृतीया पर गुरु अस्त है, जिसके वजह से शादी नहीं करनी चाहिए.
अक्षय तृतीया मनाने की खास वजह
- त्रेतायुग की शुरूआत
- महाभारत लिखने की शुरुआत
- परशुराम जयंती
- गंगोत्री-यमुनोत्री के कपाट खुलते हैं
Disclaimer- इस आर्टिकल में दी गई जानकारी और सूचनाएं सामान्य मान्यताओं पर आधारित हैं. ZEE MEDIA इनकी पुष्टि नहीं करता है.