Chanakya Niti: हमेशा ऐसा कहा जाता है कि कर्मों के अनुसार ही फल की प्राप्ति होती है. जो अच्छे कर्म करता है उसे अच्छे और जो बुर कर्म करता है उनके जीवन में परेशानियां रहती हैं और वह हमेशा किसी न किसी समस्या से घिरा रहता है. चाणक्य की नीतियों में इसके बारे में बताया गया है कि पिछले जन्म के कर्मों का फल मनुष्य को उसे इसी जन्म में प्राप्त होते हैं. पिछले जन्म के अच्छे कामों की वजह से ही मनुष्य को सभी तरह की खुशियां और सुख-सुविधाएं मिलती हैं. 


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हर व्यक्ति से मन में इस बात की चाहत होती है कि वह अपने जीवन हर तरह का आराम पाएं, उसे किसी तरह की कोई परेशानी का सामना न करना पड़े.  पर सभी को सुखी जीवन मिले इसकी संभावना कम होती है. इसी को ध्यान में रखते हुए आपको बताएंगे कि पिछले जन्म में इन कामों को करने से शानौ-शौकत वाला जीवन मिलता है. 


तीन समय का खाना 
चाणक्य नीति की माने तो जीवन में अच्छा खाना और तीन समय का खाना मिलना का अच्छी जिंदगी की निशानी होती है. हर किसी के नसीब में ये नहीं होता  सिर्फ किस्मत वालों को ही इसकी प्राप्ति होती है. इसलिए अगर आपको अच्छा खाना मिल रहा है तो आप नसीब वालें हैं और इसके लिए हमेशा भगवान का शुर्क गुजार होना चाहिए. 


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खाने के साथ अच्छी पाचन क्षमता होना 
अच्छा खाना मिलने से ही सब कुछ अच्छा नहीं हो जाता. इसके साथ आपके अंदर पचाने की क्षमता भी होनी चाहिए. अगर आपके पास बहुत अच्छा लजीज खाना है, लेकिन उसे आप खा नहीं सकते. खाने से जल्दी बीमार हो जाते हैं तो ये भी बुरे कर्मों का फल हो सकता है. इसलिए खाना मिलने के साथ उसे पचाने की क्षमता भी होनी जरूरी है. चाणक्य की माने तो अच्छी पाचन शक्ति वाले लोग भाग्यशाली होते हैं. 


अच्छा जीवनसाथी
चाणक्य नीति के अनुसार एक अच्छा शादीशुदा जीवन जीने के लिए एक समझदार, गुणवान और आपका साथ देने वाला पार्टनर का होना जरूरी है. नसीब वालों को ही ऐसे जीवनसाथी की प्राप्ति होती. ये भी अच्छे कर्मों का फल होता है. 


धन का सही इस्तेमाल 
चाणक्य नीति के अनुसार धन का होना अच्छे कर्मों का फल नहीं होता बल्कि हम पैसों का किस तरह से इस्तेमाल कर रहे है वो जरूरी होता है. धन का सही तरह से इस्तेमाल करना भी आना चाहिए. इससे धन की देवी मां लक्ष्मी प्रसन्न होती है और इससे उनका सम्मान माना जाता है. 


लोगों की मदद करना 
अक्सर ऐसा देखा जाता है कि जिनके पास खूब धन तो होता है पर उनके अंदर किसी की मदद करने का भाव नहीं होता. हिंदू धर्म में कहा जाता है कि दान करने से पुण्य की प्राप्ति होती है और बुरे कर्मों का नाश हो जाता है.