Hariyali Teej 2023: हिंदू धर्म में हरियाली तीज का काफी महत्व है. आज देशभर में हरियाली तीज को त्योहार मनाया जाएगा. आज के दिन विवाहित महिलाएं व्रत रखती है. इसी के साथ आज के दिन भगवान भोलेनाथ और मां पार्वती की पूजा का विधान है. पूजा के दौरान सभी महिलाएं अपने पति की लंबी आयु और परिवार की सुख-समृद्धि का वरदान मांगती हैं.


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इतना ही नहीं अच्छे जीवनसाथी के लिए हरियाली तीज का व्रत को काफी महत्व माना गया है. आज के दिन जो भी महिलाएं व्रत रखती हैं वो हरे रंग की चूड़ियां, हरे रंग की साड़ी आदि पहनती हैं. आज के दिन सहेलियों के साथ झूला झूलने की परंपरा निभाती है. साथ ही आज एक-दूसरे को मेहंदी भी लगाई जाती है.


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आज का शुभ मुहूर्त


हरियाली तीज पर ब्रह्म मुहूर्त सुबह 4.25 बजे से 5.09 बजे तक रहेगा. इसके बाद विजय मुहूर्त दोपहर 2.35 बजे से 3.28 बजे तक रहेगा. इसके अलावा गोधूलि बेला सुबह 6.57 बजे से 7.19 बजे तक रहेगी. तो वहीं, अमृत काल सुबह 7.30 बजे से 9.08 बजे तक रहेगा. निशीथ काल आधी रात 12.03 बजे से 12.47 बजे तक रहेगा.


आज का अशुभ मुहूर्त


आज राहुकाल सुबह 9 बजे से 10.30 बजे तक रहेगा. यमगंड दोपहर 1.30 बजे से 3.30 बजे तक रहेगा. गुलिक काल सुबह 6 बजे से 7.30 बजे तक रहेगा. इसी तरह दुर्मुहूर्त काल सुबह 5.52 बजे से 6.44 बजे तक रहेगा. इसके बाद दोपहर 6.44 बजे से 7.37 बजे तक रहेगा.


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हरियाली तीज की कथा


कहते हैं कि मां पार्वती की वर्षों की साधना के बाद इन दिन भगवान शिव से मिली थी. इतना ही नहीं मां पार्वती ने भगवान शिव को पति के रूप में पाने के लिए 107 बार जन्म लिया था, लेकिन इसके बाद भी उन्हें भगवान शिव उन्हें पति के रूप में प्राप्त नहीं हुए. इसके बाद जब मां पार्वती ने 108वीं बार जन्म लिया तो उन्होंने एक कठोर तपस्या की. कहते हैं कि श्रावण मास की शुक्ल पक्ष के तृतीया तिथि पर ही भगवान शिव मां पार्वती की तपस्या से प्रसन्न हुए और उन्हें दर्शन दिए.


हरियाली तीज पर पूजा-विधि


आज के दिन सुहागन महिलाएं सुबह जल्दी उठकर सबसे पहले स्नान करें. इसके बाद मायके से आए हुए कपड़े पहन लें. इसके बाद पूजा के शुभ मुहूर्त में एक चौकी पर माता पार्वती के साथ भगवान शिव और गणेश जी की प्रतिमा की स्थापित करें. इस के बाद मां पार्वती को 16 श्रृंगार की सामग्री जैसेः- साड़ी, अक्षत्, धूप, दीप, गंध आदि अर्पित करें. इसके बाद भगवान शिव को भांग, धतूरा, अक्षत, बेल पत्र, श्वेत फूल, गंध, धूप, वस्त्र आदि चढ़ाएं. गणेश जी की पूजा करते हुए हरियाली तीज की कथा सुनें. भगवान शिव और माता पार्वती की आरती करें. आखिर में भगवान को भोग लगाएं.