Makar Sankranti 2024: मकर संक्रांति पर कहां और क्यों उड़ाई जाती है पतंग, जानें इसका धार्मिक और वैज्ञानिक कारण
इस साल मकर संक्रांति का त्योहर देशभर में 14 जनवरी को मनाया जाएगा. बता दें कि इस दिन सूर्य मकर राशि में प्रवेश करता है. साथ ही मौसम में बदलाव आता है. इस त्योहार को भारत के कई हिस्सों में बहुत ही धूमधाम के साथ मनाया जाता है.
Makar Sankranti 2024: इस साल मकर संक्रांति का त्योहर देशभर में 14 जनवरी को मनाया जाएगा. बता दें कि इस दिन सूर्य मकर राशि में प्रवेश करता है. साथ ही मौसम में बदलाव आता है. इस त्योहार को भारत के कई हिस्सों में बहुत ही धूमधाम के साथ मनाया जाता है. साथ ही इस दिन पतंग भी उड़ाई जाती है.
मकर संक्रांति को कहा जाता है पतंग पर्व
मकर संक्रांति के दिन कई राज्यों में पतंग उड़ाई जाती है. इस दिन पतंगबाजी की प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाता है. तो चलिए आपको बताते हैं कि आखिर क्यों और कब से पतंग उड़ाने की प्रथा का शुरुआत हुई.
मकर संक्रांति पर क्यों उड़ाई जाती है पतंग?
मकर संक्रांति के दिन भारत के कई राज्यों में पतंग उड़ाई जाती है. मकर संक्रांति को पतंग का पर्व भी कहा जाता है. धार्मिका मान्यताओं के अनुसार सबसे पहले पतंग उड़ाने की प्रथा प्रभु श्रीराम ने की थी. कहा जाता है कि मकर संक्रांति के दिन जब भगवान राम ने पतंग उड़ाई तो वह इंद्रलोक में जा पहुंची थी. तभी से मकर संक्रांति के दिन पतंग उड़ाने की परंपरा शुरू हो गई थी. वहीं बता दें कि पतंग को आजादी, खुशी का भी संकेत मानाज जाता है. वहीं वैज्ञानिक कारणों की मानें तो इस दिन पड़ने वाली सूर्य की किरणों को अमृत की तरह माना जाता है, जिससे कई बीमारियों का खातमा हो सकता है. इसलिए भी आज के दिन पतंग उड़ाई जाती है.
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मकर संक्रांति के दिन कहां उड़ाई जाती है पतंग?
भारत के कई राज्यों में मकर संक्रांति के दिन पतंग उड़ाई जाती है. साथ ही प्रतियोगिताओं का भी आयोजन किया जाता है. पतंग सबसे ज्यादा गुजरात और राजस्थान में उड़ाई जाती है. गुजरात में पतंगबाजी करना और मकर संक्राति के त्योहार को उत्तरायण कहा जाता है. वहीं राजस्थान में पतंगबाजी ज्यादा नहीं की जाती हैं.