Sawan 2023: सावन का महीना 4 जुलाई से शुरू हो चुका है. इस बार भोलेनाथ के भक्तों को 2 महीने तक भगवान शिव की पूजा करने का मौका मिलेगा और भक्तों को शिव की विशेष कृपा मिलेगी. इसी के साथ सावन के महीने में हर सोमवार को व्रत रखा जाता है. इस बार भक्तों को पूरे 8 सावन सोमवार व्रत रखने का मौका मिल रहा है. इसलिए इस साल भगवान शिव की पूरे सच्चे मन से आराधना करने से शुभ फलों की प्राप्ति होगी.


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महाकाल की पूजा करने के साथ-साथ जलाभिषेक, बेलपत्र, धतूरा, आक के फूल आदि चढ़ाना शुभ माना जाता है. अगर आप चाहे तो इस सावन में भगवान शिव की षोडशोपचार पूजा कर सकते हैं, तो चलिए जानते हैं कि सावन में किस प्रकार करें शिव की षोडशोपचार पूजा, विधि और शुभ मुहूर्त...


जानें, क्या है षोडशोपचार पूजा


हिंदू शास्त्रों के अनुसार, षोडशोपचार पूजन में देवी-देवता को सोलह वस्तुएं अर्पित की जाती है. इन सोलह चीजों को बारी-बारी से अर्पित किया जाता है और हर एक चीज के साथ कुछ पवित्र मंत्रों का जाप किया जाता है. कहते हैं कि इस विधि से पूजा करने से अधिक फलों की प्राप्ति होती है.


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ऐसे करें षोडशोपचार पूजन


सावन महीने में षोडशोपचार पूजन करना एक विशेष पूजाओं में से एक है. इस इस पूजा को सावन के किसी भी सोमवार के दिन रख सकते हैं. इस पूजा को करने से सुबह सूर्य उगने से पहले उठे और घर साफ-सफाई कर लें. इसके बा स्नान करें और साफ कपड़े पहनने. इसके बाद शिव जी और माता पार्वती की षोडशोपचार पूजा शुरू करें.


षोडशोपचार पूजा ऐसे करें शुरू


अगर आप इस बार षोडशोपचार पूजा करने वाले हैं तो पूजा से पहले ध्यान किया जाता है. पूजा से पहले शिव का ध्यान करें और उनका आह्वान करें. भगवान शिव का ध्यान करते हुए इस मंत्र का जाप करें...


ध्यायेन्नित्यं महेशं रजतगिरिनिभं चारु चन्द्र अवतंस


रत्नाकल्पोज्जावाग्ड़ परशिमृगवराभीतिहस्तं प्रसन्नम्।।


पद्मासिनं समन्तात् स्तुतममरणैर्व्याघ्र कृतिं वसान्ं।


विश्ववाघं विश्वबीज निखिल-भयहरं पञ्चवक्तं त्रिनेत्रम्।।


वन्धूक सन्निभं दवें त्रिनेत्र चंद्र शेखरम्।


त्रिशूल धारिणं देवं चारूहासं सुनिर्मलम्।।


कपाल घारिणं देवं वरदाभय-हस्तकम्।


उमया सहितं शम्भूं ध्यायेत् सोमेश्वरं सदा।।


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शिवजी का करें आह्वान


शिव का ध्यान करने के बाद उनका आह्वान करें. इसके लिए अपने हाथ में एक फूल लेकर दोनों हाथों को जोड़ लें और इस मंत्र का का जाप करें...


आगच्छ भगवन्देव स्थाने स्थिर भल।


यावत् पूजां करिष्यामि तावत्वं सन्निधौ भव।


शिव अर्घ्य मंत्र


शिव के पैरों में जल चढ़ाने वक्त इस मंत्र का जाप करें...


त्र्यंबकेश सदाचार जगदादि-विधायकः।


अर्घ्यं गृहण देवेश साम्ब सर्वार्थदाकाः।।


शिव वस्त्र मंत्र


भगवान शिव को वस्त्र धारण कराते वक्त इस मंत्र का जाप करें...


सर्वभूषाधिके सौम्ये लोक लज्जा निवरणे।


मयोपपादिते देवेश्वर! गृह्यताम वाससि शुभ॥


शिव पुष्पाणी मंत्र


भगवान शिव को फूल चढ़ाते वक्त इस मंत्र का जाप करें...


माल्यादिनी सुगंधिनी मालत्यादिनी वै प्रभु।


मयनीतानी पुष्पाणी गृहण परमेश्वर:


बिलाव पत्राणी


भगवान शिव को बेल पत्र चढ़ाने वक्त इस मंत्र का जाप करें...


बिल्वपत्रम सुवर्णें त्रिशूलाकार मेव च।


मायार्पिताम महादेव! बिल्वपत्रम गृहणमे।।


धूपम्


भगवान शिव को अगरबत्ती या धूप-बत्ती का भोग लगाते वक्त इस मंत्र का जाप करें...


वनस्पति रसोद्भूत गन्धध्यो गन्ध उत्तमः।


अघ्रेयः सर्वदेवनं धूपोयं प्रति गृह्यतम॥


दीपां


भगवान शिव के समक्ष घी का दीपक जलाते वक्त इस मंत्र का जाप करें...


अजयम च वर्ति संयुक्तम् वहनिना योजितम् माया।


दीपम गृहण देवेश! त्रैलोक्यतिमिरपाह॥


आरती


भगवान शिव की करने से पहले थाली में घी का दीपक के अलावा कपूर जला लें और इस मंत्र का जाप करें..


कदली गर्भ संभूतम करपुरम चा प्रदीप्तिम्।


अरार्तिक्यमं कुर्वे पश्य मे वरदो भव