Diwali 2023: विदेशी सामान पर रोक लगाने के लिए CTI की केंद्र सरकार से मांग, ई-कॉमर्स पॉलिसी में करें बदलाव
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दिवाली करीब है, फेस्टिव सीजन में ई-कॉमर्स कंपनियां तरह-तरह के ऑफर्स चलाती हैं, बड़े विज्ञापन देती हैं. ग्राहकों को आकर्षित करने का प्रयास करती हैं, चीन का बना सामान भी बाजारों में दिवाली पर जमकर बिकता है.
Delhi News: दिवाली करीब है, फेस्टिव सीजन में ई-कॉमर्स कंपनियां तरह-तरह के ऑफर्स चलाती हैं, बड़े विज्ञापन देती हैं. ग्राहकों को आकर्षित करने का प्रयास करती हैं, चीन का बना सामान भी बाजारों में दिवाली पर जमकर बिकता है. इसको लेकर आज कनॉट प्लेस में व्यापारियों के संगठन चैंबर ऑफ ट्रेड एंड इंडस्ट्री (CTI) ने एक अभियान चलाया है, जिसमें दिल्ली के अलग-अलग बाजारों के व्यापारी संगठन शामिल हुए है. इसमें सीटीआई ने केन्द्र सरकार से मांग की है कि ई-कॉमर्स पॉलिसी में बदलाव करके हर सामान पर कन्ट्री ऑफ ओरिजन अनिवार्य करे.
सीटीआई चेयरमैन बृजेश गोयल और अध्यक्ष सुभाष खंडेलवाल ने बताया कि सीटीआई दिल्ली और देश के तमाम व्यापारियों के बीच अभियान चला रहा है कि सभी परिवार, दोस्तों और रिश्तेदारों के साथ मार्केट में निकलें. नजदीकी दुकानदार से जरूरत का सामान, सजावटी सामान, मिठाई, ड्राइफ्रूट्स, जूलरी, कपड़े, फुटवियर्स, इलेक्ट्रॉनिक्स आइटम, खिलौने, रसोई के सामान, उपहार की वस्तुएं, होम फर्नीशिंग, फर्नीचर, कॉस्मेटिक, पूजन सामग्री खरीदें.
भागीरथ पैलेस मार्केट में भारत निर्मित लाइटिंग की जबरदस्त सेल हो रही है. बाजारों में अलग-अलग वस्तुएं मेड इन इंडिया बिक रही हैं. चाइनीज माल की मांग घटी है. अब दीये, लक्ष्मी-गणेश की मूर्ति, शुभ-लाभ, स्वास्तिक, ऊं जैसी प्रतीक स्थानीय शिल्पकार बना रहे हैं.
सीटीआई की मुहिम है कि ऑनलाइन खरीदारी और चाइनीज सामान की खरीददारी से परहेज करें. कोरोना काल में काफी बिजनेस ई-कॉमर्स पर शिफ्ट हुआ, जिसका व्यापारियों को नुकसान झेलना पड़ा. इसी के साथ बहुत सारी ई-कॉमर्स कंपनियों के ऑर्डर में फर्जीवाड़ा भी देखने को मिलता है. जिसमें ऑर्डर कुछ करते हैं और डिलिवर कुछ होता है. पैकेट खोलने पर नकली सामान या कटा-फटा सामान भी मिलता है.
महामारी में पड़ोसी दुकानदार ने जान पर खेलकर आपूर्ति बरकरार रखी. मुश्किल वक्त में ग्राहकों को उधार भी दिया. कोरोना में कई दुकानदारों ने जान भी गंवाई. इसीलिए सीटीआई की गुहार है कि पड़ोस के दुकानदार का व्यापार बढ़ाएं. वो सामान की अदला-बदली करता है. साख कायम रखने के लिए माल की गुणवत्ता ध्यान रखती है. ई-कॉमर्स कारोबार में अधिकतर विदेशी कंपनियां पैसा इकट्ठा करती हैं, जिससे देसी अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचता है. शॉपिंग का जो मजा दुकान पर है, वो स्क्रीन पर नहीं है.