Rabies Symptoms: कुत्ते के अलावा काट ले ये जानवर तो तुरंत करें ये काम, जानें रेबीज के शुरुआती लक्षण
Rabies Side Effects: भारत रेबीज के रोजाना की मामले सामने आ रही हैं और आज ही गाजियाबाद में एक 14 वर्षीय बच्चे की रेबीज से मौत हो गई है. बता दें कि विश्व में रेबीज से होने वाली कुल मौतों में 36% मौतें भारत में होती हैं.
Rabies: भारत रेबीज के रोजाना की मामले सामने आ रही हैं और आज ही गाजियाबाद में एक 14 वर्षीय बच्चे की रेबीज से मौत हो गई है. बता दें कि विश्व में रेबीज से होने वाली कुल मौतों में 36% मौतें भारत में होती हैं.
डॉक्टर डीके गुप्ता का कहना है कि रेबीज से हर साल 18000-20000 मैतें हो जाती है. भारत में रिपोर्ट किए गए रेबीज के लगभग 30-60% मामले एवं मौतों में 15 वर्ष से कम उम्र के बच्चे शामिल हैं, क्योंकि बच्चों में काटने के निशान को अक्सर पहचाना नहीं जाता एवं रिपोर्ट नहीं किया जाता है.
भारत में मानव रेबीज के लगभग 97% मामलों के लिए कुत्ते जिम्मेदार हैं, इसके बाद बिल्लियां (2%), गीदड़, नेवले एवं अन्य (1%) हैं. यह रोग पूरे देश में स्थानिक है.
रेबीज क्या है? (What is Rabies)
रेबीज एक बीमारी है जो कि रेबीज नामक विषाणु से होते हैं. यह मुख्य रूप से पशुओं की बीमारी है, लेकिन संक्रमित जानवरों के कांटन से मनुष्यों में भी हो जाती. यह विषाणु संक्रमित पशुओं के लार में रहता है और जब कोई पशु मनुष्य को काट लेता है तो यह विषाणु मनुष्य के शरीर में प्रवेश कर जाता है. यह भी बहुत मुमकिन होता है कि संक्रमित लार से किसी की आंख, मुंह या खुले घाव से संक्रमण होता है. इस बीमारी के लक्षण मनुष्यों में कई महीनों से लेकर कई सालों में दिखाई देते हैं, लेकिन साधारणत मनुष्यों में ये लक्षण 1 से 3 महीनों में दिखाई देते हैं.
रेबीज कैसे फैलता है ? (How Rabies Spread In Human)
रेबीज से संक्रमित जानवर के काटने से रेबीज का संक्रमण फैलता है. ज्यादातर मामलों में मनुष्यों में यह बीमारी कुत्ते के काटने या उसके खरोंचने से भी होती है.
रेबीज बीमारी के मुख्य लक्षण क्या होते हैं? (Rabies Symptoms)
रेबीज बीमारी का एक खास लक्षण यह है कि जहां पर पशु काटते हैं उस जगह की मासपेशियों में सनसनाहट पैदा हो जाती है. विषाणु के रोगों के शरीर में पहुंचने के बाद विषाणु नसों द्वारा मष्तिक में पहुंच जाते हैं और निम्नलिखित लक्षण दिखाई देने लगते हैं जैसे- दर्द, थकावट होना, सिरदर्द, बुखार, मांसपेशियों में जकड़न, चिड़चिड़ा होना था उग्र स्वाभाव, व्याकुल, अजोबो-गरीबों विचार, कमजोरी होना तथा लकवा हों, लार व आंसुओं का बनना ज्यादा हो जाता है, तेज रौशनी और आवाज से चिड़न होना, बोलने में तकलीफ होना, अचानक आक्रमण का धावा बोलना,
वहीं जब संक्रमण बहुत अधिक हो जाता है और नसों तक पहुंच जाता है तो निम्न लक्षण उत्पन्न होने लगते हैं जैसे-
- सभी चीजों/वस्तुएं आदि दो दिखाई देने लगती हैं.
- मुंह की मांसपेशियों को घुमाने में परेशानी होने लगती है.
- शरीर मध्यभाग या उदर को वक्षस्थल से अलग निकाली पेशी का घुमान विचित्र प्रकार का होने लगता है.
- लार ज्यादा बनने लगी है और मुंह में झाग बनने लगते हैं.
रेबीज किन किन जानवरों से फैलता है?
रेबीज बीमारी कुत्तों, बंदरों और बिल्लियों के काटने पर इंसानों में फैलती है. आमतौर पर कुत्तों के काटने पर इंसानों में यह बीमारी फैलती है.
रेबीज का क्या इलाज है? (Rabies Treatment)
एक बार संक्रमण पकड़ में आने के बाद रेबीज का कोई इलाज नहीं है. हालांकि कुछ लोग जीवित रहने में कामयाब रहे हैं. बीमारी आमतौर पर मृत्यु में परिणत होती है. अगर आपको लगता है कि आप रेबीज के संपर्क में आ गए हैं तो आपको बीमारी को घातक बनने से रोकने के लिए वैक्सीनेशन करवाएं.
जिन लोगों के घर में पालतू जानवर या कुत्ते है, वो क्या सावधानी रखें ?
किसी भी जानवर को पालने के लिए सबसे जरूरी होता है उसका खानपान और उसको दिया जाने वाला माहौल. ताकि आपका पालतू जानवर किसी को अपना शिकार न बनाएं.
रेबीज वैक्सीनेशन (Rabies Vaccination)
किसी भी जानवर को पालने के बाद पहला और सबसे जरूरी काम है वैक्सीनेशन, ताकि घर में रहने वाले किसी सदस्य या बाहर से आने वाले किसी इंसान के साथ खेलते हुए गलती से या जानबूझकर काटने से कोई गंभीर समस्या न हो. अगर आपके पालतू जानवर का वैक्सीनेशन प्रॉपर समय से होता है तो आप रैबीज जैसी बीमारी से लगभग निश्चिन्त हो सकते हैं.
कुत्ता काट ले तो क्या करना चाहिए? (What to do after Dog Bite)
जब भी कुत्ता काटे तो सबसे पहले उस जगह को धो लेना चाहिए. इसके लिए डिटर्जेंट साबुन जैसे कि रिन या सर्फ एक्सेल साबुन से इसे अच्छी तरह धो लें. अगर जख्म बहुत गहरा है तो इस जगह पर पहले साबुन से धोएं और उसके बाद बिटाडिन मलहम लगा लें. इससे रैबीज वायरस का असर थोड़ा कम हो जाता है, लेकिन इसे अच्छी तरह से क्लीन करना जरूरी है. इसके साथ ही कुत्ते काटने पर रेबीज का वैक्सीन, एंटीबाडीज़,एवं टेटनस का इंजेक्शन लगवाना चाहिए.
कब लगवाएं इंजेक्शन
24 घंटे के अंदर आपको रैबीज का वैक्सीन एवं इसकी 4-5 डोज का पूरा कोर्स करना चाहिए. आमतौर पर कुत्ते काटने के बाद 5 इंजेक्शन लगाने की जरूरत पड़ती है. इसके लिए पहला शॉट 24 घंटे के अंदर लगना चाहिए. इसके बाद तीसरे दिन, सांतवें दिन, 14 वें दिन और अंत में 28वें दिन में लगता है.
कुत्ते के काटने पर क्या नहीं करना चाहिए ?
ध्यान रखें कि कुत्ता काटने के बाद घाव पर पट्टी नहीं बांधना चाहिए. घाव पर तेल, हल्दी या किसी घरेलु चीज को लगाने से बचें. घाव को धोने के बाद तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें. ताकि डॉक्टर इसकी गंभीरता के आधार पर इलाज कर सके.
कुत्ते के काटने का प्राथमिक उपचार
डॉक्टर कहते हैं कि कुत्ते के काटने के बाद शीघ्रता से इसके लिए प्राथमिक इलाज लेना चाहिए. अगर काटे हुए जगह पर घाव नहीं है तो उस हिस्से को गर्म पानी और साबुन से धो लें. आप एहतियात के तौर पर जीवाणुरोधी लोशन भी लगा सकते हैं. वहीं अगर काटने के बाद वहां जख्म है तो उस हिस्से को धोने के बाद कोई एंटीसेप्टिक लगाएं और तुरंत रेबीज के इंजेक्शन के लिए अस्पताल जाएं.