Delhi: अपनो की जिंदगी की चाहत में देश और दुनिया से लोग राजधानी दिल्ली में आकर इलाज कराने वालों की तादाद काफी ज्यादा है. इसे देखकर ही राजधानी दिल्ली को मेडिकल टूरिज्म का हब माना जाता है, लेकिन क्राइम ब्रांच ने बीमार मरीजों के साथ धोखा करने वाले एक ऐसे गैंग का खुलासा किया है. जो कैंसर के मरीजों के इलाज लिए 9 ऐसी ब्रांडेड दवाइयों के नाम पर नकली दवाइयां बेचा करते थे. इस मामले में क्राइम ब्रांच ने कई जगह पर रेड कर नकली दवाइयों समेत उन मशीनों को भी जब्त किया है, जिसके जरिये नकली कैंसर की दवाइयां बनाई जा रही थी. पुलिस ने इस मामले में  अब तक 8 लोगों को गिरफ्तार किया है.


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पुलिस के मुताबिक आरोपी अस्पताल में मरीजों को कीमोथेरेपी में जो इंजेक्शन दिए जाते थे, उनकी खाली शीशी जुटाते थे. फिर उन शीशियों में एंटी फंगल दवा भरकर बेचते थे. आरोपियों के टारगेट पर दिल्ली में बाहर से इलाज के लिए आने वाले मरीज होते थे. खासतौर से हरियाणा, बिहार, नेपाल और अफ्रीका देश से आने वाले मरीजों को अपना शिकार बनाते थे. पुलिस ने जिन आठ आरोपियों को गिरफ्तार किया है. उनके नाम विफल जैन, सूरज शत, नीरज चौहान, परवेज, कोमल तिवारी अभिनय कोहली और तुषार चौहान है. इनमें से नीरज गुरुग्राम का रहने वाला है, जबकि बिहार के मुजफ्फरपुर से आदित्य बालाकृष्णन को भी गिरफ्तार किया है.


क्राइम ब्रांच के डीसीपी अमित गोयल को जानकारी मिली कि एक गैंग जिनमें फार्मासिस्ट, नामी अस्पताल में काम करने वाले कर्मचारी और मेडिकल टूरिज्म की कंपनी चलाने वाले लोग शामिल है. दरअसल मेडिकल टूरिज्म के नाम पर विदेशों से इलाज कराने के लिए कैंसर पेशेंट को भारत बुलाने और इलाज के दौरान उनको लाखों रुपए की कैंसर की नकली दवाइयां डिस्काउंट रेट पर बेच देते थे. 


क्राइम ब्रांच की टीम ने जब जांच को आगे बढ़ाया तो उन्हें चार अलग-अलग जगह की जानकारी मिली, जहां से इस नेटवर्क को चलाया जा रहा था. पुलिस ने चारों जगह पर एक साथ छापेमारी की योजना बनाई ताकि आरोपियों को संभालने का मौका ना मिले. यह चार जगह थी एक तो दिल्ली के मोती नगर का डीएलएफ कैपिटल ग्रीन्स, दूसरा इलाका था गुड़गांव का साउथ सिटी, तीसरा इलाका दिल्ली का यमुना विहार और एक हॉस्पिटल का कर्मचारी.


मोती नगर छापेमारी
दिल्ली पुलिस की टीम इस स्पेसिफिक जानकारी के बाद डीएलएफ कैपिटल ग्रीन्स पहुंची. यह इस रैकेट का सबसे महत्वपूर्ण ठिकाना था. पुलिस के मुताबिक यहां पर विफल जैन कैंसर की नकली दवाइयां को बनाता था. विफल ही इस पूरे गैंग का सरगना भी था. पुलिस के मुताबिक इसने डीएलएफ ग्रीस में दो ईडब्ल्यूएस फ्लैट्स किराए पर ले रखे थे. यहां पर यह पुरानी जुटाई हुई कैंसर दवाइयां की शिष्या में नकली दवाई बनाकर भर देता. जबकि इसका साथी सूरज इन दोबारा भरी गई शिष्यों को अच्छे तरीके से पैक करता था, ताकि किसी को शक ना हो. 


छापेमारी के दौरान पुलिस को 140 भरी हुई शीशियां बरामद हुई. इन शीशियां पर ओपडाटा, कीट्रूडा, डेक्सट्रोज, फ्लुकोनाजोल ब्रांड नाम लिखा था. ये इन ब्रांड्स के शीशी को इकट्ठा करके उनके अंदर नकली कैंसर इंजेक्शन भर देते. वो अब तक जांच के मुताबिक इन शीशियों में एंटी इम्फांगल दवा होती थी. इसके अलावा पुलिस ने इस जगह से 50 हजार कैश, 1000 अमेरिकी डॉलर, शीशी के कैप को सील करने वाली तीन मशीन, एक हीट गन मशीन और 197 खाली शीशी बरामद की है. साथ ही साथ पैकेजिंग से जुड़े और भी नकली सामान पुलिस ने उनके अड्डे से बरामद किया. जो नकली भरी शीशियां बरामद हुई है उनकी कीमत एक करोड़ 75 लाख है.


वहीं जब पुलिस की टीम साउथ सिटी गुड़गांव पहुंची, तो वहां पर एक फ्लैट के अंदर से नीरज चौहान को पुलिस ने बड़ी मात्रा में नकली कैंसर इंजेक्शन और शीशियों के साथ गिरफ्तार किया. पुलिस ने छापेमारी के दौरान उनके पास 137 नकली कैंसर के इंजेक्शन जिनके नाम Keytruda, Infinzi, Tecentriq, Perjeta, Opdyta, Darzalex & Erbitux थे. उसे बरामद किया. इसके अलावा पुलिस को 519 खाली शीशी Keytruda, Infinzi, Tecentriq, Perjeta, Opdyta, Darzalex & Phesgo ब्रांड्स की बरामद की है. इतना ही नहीं पुलिस ने 864 खाली पैकेजिंग बॉक्स भी बरामद किया है. नीरज चौहान से पूछताछ के बाद पुलिस ने उसके चचेरे भाई तुषार चौहान को भी गिरफ्तार किया. तुषार चौहान सप्लाई चैन का हिस्सा था.


दिल्ली पुलिस के मुताबिक आरोपियों के पास से 137 भरी हुई शीशियां जो बरामद हुई है. यह  अलग-अलग अंतरराष्ट्रीय ब्रांड की है, जिनकी कीमत दो करोड़ 15 लाख रुपए है. इनके नाम कीट्रूडा, इन्फिनजी, टेसेंट्रिक, पेरजेटा, ओप डाटा, डार्ज़लेक्स और एर्बिटक्स है. पुलिस ने इनके पास से 89 लाख रुपए कैश और 1800 अमेरिकी डॉलर भी बरामद किया है. इतना ही नहीं नीरज ने कैश काउंटिंग मशीन भी रखी हुई थी, जिसे पुलिस ने जब्त कर लिया है.


यमुना विहार से दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने प्रवेश नाम के एक शख्स को गिरफ्तार किया जो कैंसर के इंजेक्शन की खाली शीशियां अपने साथियों को उपलब्ध करवाता था. पुलिस ने परवेज के पास से 20 खाली शीशी भी बरामद की है. प्रवेश से पूछताछ करने के बाद दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने दिल्ली के बड़े कैंसर अस्पताल में छापेमारी की और वहां से पुलिस ने कोमल तिवारी और अभिनय कोहली को गिरफ्तार किया. यही दोनों खाली और आधी खाली कैंसर के इंजेक्शन की शीशी प्रवेश को देते थे. ये दोनो हॉस्पिटल के Cytotoxic Admixture यूनिट में काम करते थे। यह एक खाली शीशी का पांच हजार रुपए तक चार्ज किया करते थे.


इनसे पूछताछ की जा रही है और पुलिस यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि क्या यह नकली दवाइयां यह लोग सीधे दलालों के जरिए सस्ते दामों पर पीड़ितों को दिया करते थे या फिर कोई और तरीका अपनाया करते थे फिलहाल इस पूरे मामले की जांच जारी है.
इनपुट: प्रमोद शर्मा