Farmers Protest: MSP सहित कई मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे किसानों लगातार 13 दिन से शंभू और खनौरी बॉर्डर पर डटे हुए हैं. युवा किसान शुभकरण की मौत के बाद किसानों ने दिल्ली कूच के फैसले को 29 फरवरी तक के लिए टाल दिया है, लेकिन उनका विरोध प्रदर्शन लगातार जारी है. शनिवार को किसानों नें कैंडल मार्च निकालकर शुभकरण को श्रद्धांजलि दी तो वहीं आज किसानों द्वारा विश्व व्यापार संगठन (WTO) पर चर्चा की जाएगी. दरअसल, किसान MSP गारंटी कानून देने के साथ ही भारत के WTO से भारत की वापसी की मांग कर रहे हैं.


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विश्व व्यापार संगठन (WTO)
विश्व व्यापार संगठन (WTO) विश्व के अलग-अलग देशों के बीच व्यापार के नियम तय करने वाला वैश्विक अंतर्राष्ट्रीय संगठन है. भारत WTO का संस्थापक सदस्य और सक्रिय भागीदार देश है. इसके केंद्र में विश्व व्यापार संगठन के समझौते हैं. इन समझौते पर दुनिया के अधिकांश व्यापारिक देशों ने बातचीत करके हस्ताक्षर भी किए हैं. विश्‍व व्यापार संगठन में वर्तमान में 164 सदस्य हैं, जो 98 प्रतिशत विश्व व्यापार का प्रतिनिधित्व करते हैं.डब्ल्यूटीओ व्यापार को उदार बनाने के लिए जिम्मेदार संगठन, इसके साथ ही व्यापार समझौतों पर बातचीत करने का एक मंच है. यहां व्यापार से संबंधित सभी प्रकार की समस्याओं का निपटारा किया जाता है.


किसान क्यों कर रहे भारत को WTO से बाहर निकालने की मांग?
एक ओर जहां किसानों द्वारा MSP गारंटी कानून की मांग की जा रही है, वहीं दूसरी ओर विश्व व्यापार संगठन (WTO) सरकारी सब्सिडी को गलत मानता है. यही वजह है कि किसान चाहते हैं कि भारत WTO से बाहर आ जाए. दरअसल, WTO का मानना है कि बहुत ज्यादा सब्सिडी देने का असर अंतर्राष्ट्रीय व्यापार पर पड़ता है. WTO अंतर्राष्ट्रीय व्यापार में आने वाली परेशानियों को कम करने के लिए इसका विरोध करता रहा है. भारत द्वारा गरीब किसानों को MSP देने की वजह से WTO में कई बार ये मुद्दा बहस की वजह भी बन चुका है. वहीं अब किसानों द्वारा इस संगठन से बाहर आने की मांग ने सरकार की परेशानी को और बढ़ा दिया है.