बढ़ते अपराध के खिलाफ बाजार और दुकानें रहीं बंद, लोगों ने पुलिस प्रशासन के खिलाफ जताजा रोष
शहर के बढ़ती आपराधिक वारदातों, नशातस्करी और नशाखोरी के खिलाफ लोगों में इतना आक्रोश नजर आया कि बिना किसी अपील के सभी बाजार बंद रहे. आज बंद शहर के व्यापार, धार्मिक, सामाजिक, किसान और गैर राजनैतिक संगठनों के साथ-साथ राजनैतिक संगठनों ने भी अपना समर्थन दिया.
फतेहाबादः अपराध के खिलाफ उठ खड़ा हुआ शहर, शहरभर में बाजार और दुकानें बंद रख शहरवासियों ने पुलिस प्रशासन के खिलाफ रोष जताया है. विभिन्न सामाजिक, धार्मिक, व्यापारिक, किसान संगठनों के अलावा राजनैतिक संगठनों द्वारा बंद का ऐलान किया था. आज पूरे शहर के सभी मुख्य बाजार पूर्ण रूप से बंद रहेंगे. इसी के साथ लोगों ने एडीसी की मार्फत सीएम को 14 सूत्रीय मांग पत्र सौंपा है. सामाजिक संगठनों ने प्रशासन को दी चेतावनी में कहा कि एक सप्ताह में अपराध और अपराधियों पर नहीं लगा अंकुश तो 7 दिन के बाद अधिकारियों के कार्यालयों और आवास का घेराव किया जाएगा.
फतेहाबाद में बढ़ते क्राइम को लेकर शहरवासियों ने आज अपनी दुकानें बंद रख पुलिस प्रशासन के खिलाफ अपना रोष व्यक्त किया. विभिन्न संगठनों के आह्वान पर आज फतेहाबाद को 12 बजे तक सांकेतिक बंद रखने का आह्वान किया गया था. आज सुबह से शहर के मुख्य बाजार सुनसान नजर आए. शहर के मुख्य बाजार, जवाहर चौक, थाना रोड़, हंस मार्केट, शिव चौक, भीमा बस्ती का इलाका, धर्मशाला रोड़, जीटी रोड़ के अलावा शहर के अंदरूनी इलाकों में बनी बाजार कहीं आंशिक तो कहीं पूर्णतया बंद नजर आई.
शहर के बढ़ती आपराधिक वारदातों, नशातस्करी और नशाखोरी के खिलाफ लोगों में इतना आक्रोश नजर आया कि बिना किसी अपील के सभी बाजार बंद रहे. आज बंद शहर के व्यापार, धार्मिक, सामाजिक, किसान और गैर राजनैतिक संगठनों के साथ-साथ राजनैतिक संगठनों ने भी अपना समर्थन दिया. फतेहाबाद के अनाजमंडी के शैड के नीचे एकत्र हुए शहरवासियों ने फतेहाबाद प्रशासन के खिलाफ अपना रोष व्यक्त किया.
प्रदर्शन में शामिल लोगों को संबोधित करते हुए सामाजिक कार्यकर्ताओं ने कहा कि पूरे प्रदेश में फतेहाबाद अपनी शांति व्यवस्था और अपराधमुक्त के नाम पर जाना जाता था, लेकिन बढ़ते नशे के प्रभाव के कारण यहां हालत ऐसे हो गए हैं कि शायद ही कोई दिन जाता होगा जब शहर में कोई आपराधिक घटना न होती हो. वहीं जिला पुलिस को भी आड़े हाथ लेते हुए वक्ताओं ने कहा कि कानून व्यवस्था बनाए रखना पुलिस और प्रशासन का काम है, मगर बड़ी शर्म की बात है कि फतेहाबाद पुलिस हाथ पर हाथ धर कर बैठी है.
वक्ताओं ने कहा कि जब शहर के सामाजिक कार्यकर्ताओं ने पुलिस को जगाने और अपराधियों के खिलाफ प्रदर्शन करने की बात कही तो पुलिस इसे राजनीति से प्रेरित बताने लगी. इतनी नहीं प्रदर्शन के दौरान पुलिस कार्यप्रणाली पर भी सवालिया निशान लगाए गए. शहर के विभिन्न इलाको में प्रदर्शन कर प्रदर्शनकारी वापिस लालबत्ती चौक पहुंचे और यहां एडीसी के मार्फत सीएम के नाम ज्ञापन सौंपा गया.
ज्ञापन में 14 मुख्य मांगे रखी गई जिसमें, नशा तस्करी पर प्रतिबंध, शहर हो रहे अपराध, चोरी, डकैती, लूट, स्नेचिंग की वारदातों को रोकने के लिए यथासंभव प्रयास, पूरे शहर में पुलिस की स्पेशल गश्त, खासकर सुबह और शाम के वक्त, वार्डवासी पुलिस कर्मियों की ड्यूटि लगाने के अलावा अन्य मांगे शामिल रही. वहीं प्रदर्शन कर सामाजिक कार्यकर्ताओं ने प्रशासन को 7 दिन का समय दिया है और कहा कि इन 7 दिनों में पुलिस की कार्यप्रणाली में अगर सुधार नहीं आया और अपराध और अपराधियों पर अंकुश नहीं लगा तो एक बार फिर से वे प्रदर्शन करने पर मजबूर होंगे.
उन्होंने कहा कि इस बार बाजार बंद की बजाए अधिकारियों के आवास और कार्यालयों का घेराव किया जाएगा. वहीं किसान संगठन से जुड़े नेता मनदीप सिंह ने कहा कि पूरे जिले में कानून व्यवस्था का यहीं हाल है. फतेहाबाद बंद के बाद आगामी 23 मार्च को रतिया बंद रखने का ऐलान किया गया. वहीं आज के प्रदर्शन में शामिल विभिन्न संगठनों के प्रतिनिधियों द्वारा पुलिस का असंवेदनशील रवैये पर भी खासा रोष व्यक्त किया गया.
प्रदर्शन कर रहे सामाजिक कार्यकर्ताओं का कहना था कि आमतौर कहीं भी छोटा अथवा बड़ा प्रदर्शन होता तो पुलिस सुरक्षा मुहैया करवाई जाती है ताकि कोई अप्रिय घटना न हो पाए. वक्ताओं ने कहा कि बड़े दुख की बात है कि फतेहाबाद इतनी असंवेदनशील हो चुकी है कि आज के इतने बड़े प्रदर्शन को कहीं पुलिस सुरक्षा मुहैया नहीं करवाई गई. यहां तक बाजार में कहीं कोई पुलिसकर्मी भी नजर नहीं आया.
(इनपुटः अजय मेहता)