Parenting Tips: पिछले कुछ सालों में दुनिया काफी तेजी से बदली है. पहले जहां पुरुषों की जिम्मेदारी कमाने और महिलाओं की जिम्मेदारी घर संभालने की होती थी. वहीं अब पुरुष और महिला दोनों कंधे से कंधा मिलाकर बाहर काम करते हैं. इस समानता के अधिकार ने दोनों को आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर तो बना दिया, लेकिन घर की जिम्मेदारी आज भी कहीं न कहीं महिलाओं के ऊपर ही होती है. ऐसे में घर, काम और बच्चा इन सबके बीच में तालमेल बिठा पाना थोड़ा मुश्किल हो गया है. इसका सीधा असर बच्चों पर देखने को मिलता है. 


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माता-पिता दोनों के काम करने की वजह से वो बच्चों के साथ ज्यादा समय नहीं बिता पाते. कई बार कुछ पेरेंट्स के साथ ऐसा भी होता है कि वो 2-3 दिन एक ही घर में रहने के बाद भी अपने बच्चों से नहीं मिल पाते, जिसकी वजह से बच्चों के व्यवहार भी प्रभावित होता है. माता-पिता के साथ कम समय बिता पाने वाले बच्चे ज्यादा चिड़चिड़े हो जाते हैं, जो कहीं न कहीं पेरेंट्स और बच्चों दोनों की परेशानी की वजह बन जाता है. आज के आर्टिल में हम आपके लिए सद्गुरु वासुदेव जग्गी जी के कुछ टिप्स लेकर आए हैं, जो आपके बच्चों की परवरिश के लिए काफी ज्यादा उपयोगी साबित हो सकते हैं. 


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बच्चों की परवरिश के लिए अपनाएं ये टिप्स


1. समय
बच्चों को सही परवरिश देने के लिए सबसे ज्यादा जरूरी होता है समय, आप बच्चों को जितना ज्यादा समय देंगे आपके बीच की बॉन्डिंग उतनी ज्यादा बेहतर होगी. अगर माता-पिता दोनों वर्किंग हैं तो आप अपने समय को इस हिसाब से एडजेस्ट कर सकते हैं कि एक समय पर माता या पिता में से कोई एक बच्चे के साथ मौजूद रहे. 


2. घर का माहौल
बच्चों के परवरिश में घर के माहौल की भी महत्वपूर्ण भूमिका होती है. अगर घर का माहौल खुशनुमा होगा तो उसका असर बच्चे के व्यवहार में भी दिखाई देगा. घर का बेहतर माहौल बच्चे को खुश और निडर बनाता है.  


3.झगड़े से बच्चे
बच्चों की पहली शिक्षक उनकी माता को माना गया है और उनकी शिक्षा स्कूल से पहले घर से शुरू होती है. ऐसे में पेरेंट्स को कभी भी बच्चो के सामने झगड़ा नहीं करना चाहिए. माता-पिता के व्यवहार को बच्चा अपनाता है. आप जितना समझदार और मस्तमौला पर्सनैलिटी बच्चों के सामने दिखाएंगे वो आपके सामने उतने ही सहज होंगे. 


4. बच्चों को सपोर्ट करें
बच्चों को उनकी गलतियों पर जितना डांटना जरूरी होता है उतना की उनके अच्छे कामों में सपोर्ट करना. अपने बच्चे के हर सही फैसले पर उसके साथ खड़े रहकर उसे सपोर्ट करें, इससे आपका बांड मजबूत होगा और बच्चा आपको अपना दोस्त मानने लगेगा.


5. परिवार
बच्चों की परवरिश में परिवार का बहुत बड़ा योगदान होता है. अगर आप काम के लिए अपने माता-पिता से दूर रहते हैं तो थोड़े-थोड़े वक्त में बच्चे के साथ उनसे मिलने आते रहें. ऐसा करने से बच्चा रिश्तों की वैल्यू करना सीखेगा और भविष्य में खुद भी ऐसा ही करेगा. 


Disclaimer- इस आर्टिकल में दी गई जानकारी सामान्य सूचनाओं पर आधारित हैं. ZEE MEDIA इनकी पुष्टि नहीं करता है.