ग्रेटर नोएडा: दिल्ली-एनसीआर में रहने वाला हर शख्स अपने सपनों का एक घर चाहता है, लेकिन बिल्डर कंपनियों द्वारा खरीदारों को समय पर पजेशन न देना सामान्य सी बात हो गई है. इस दौरान सबसे ज्यादा उन लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ता है, जो बतौर किरायेदार एक अच्छी खासी रकम मकान मालिकों को देते हैं और गाढ़ी कमाई की एक मुश्त रकम फ्लैट लेने की चाहत में बिल्डर को भी दे चुके हैं.


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हालांकि होम बायर्स के हितों की रक्षा और रियल एस्टेट कारोबार में निवेश बढ़ाने के लिए 2016 में एक कानून रियल एस्टेट (विनियमन और विकास) अधिनियम (RERA) लागू किया गया था. ऐसे ही एक मामले में यूपी रेरा की आरसी पर गौतमबुद्ध नगर प्रशासन ने बीते दिन सोमवार को घर खरीदारों का पैसा नहीं लौटाने पर कंपनी मालिक के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की. 


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यूपी रेरा के आदेश के बाद दादरी तहसील के अधिकारियों ने सुपरटेक लिमिटेड के आरोपी चेयरमैन RK अरोड़ा को गिरफ्तार कर लिया. हालांकि इसके बाद सुपरटेक ने जिला प्रशासन को दो करोड़ का चेक दिया। साथ ही 5 करोड़ रुपये बायर्स को देने का दावा किया. बिल्डर कंपनी ने वादा किया कि 15 जून तक बाकी 19 करोड़ का भुगतान खरीदारों को कर दिया जाएगा. बाद में नगर प्रशासन ने इन शर्तों के साथ आरके अरोड़ा को राहत दे दी. 


दादरी के एसडीएम आलोक गुप्ता ने बताया कि सुपर टेक कंपनी ने ₹2 करोड़ का चेक रिकवरी सर्टिफिकेट के एवज में दिया है. साथ ही उन्होंने 5 करोड़  रुपये का सेटलमेंट सीधे तौर पर फ्लैट खरीदारों के साथ किया है. कंपनी ने 15 जून तक बकाया ₹19 करोड़ और जमा कराने के लिए मोहलत मांगी. इसके बाद अरोड़ा को तय समय तक सभी आरसी के संदर्भ में फ्लैट खरीदारों को पैसा वापस लौटाने की मोहलत दे दी गई. इस आधार पर आरके अरोड़ा को फिलहाल रिहा कर दिया गया है.


 


दरअसल रेरा का सुपरटेक कंपनी पर 31.56 करोड़ रुपये बकाया था. राजस्व विभाग के मुताबिक पिछले सप्ताह 5 करोड़ का सेलटमेंट किया गया था और एक करोड़ जमा किए गए थे. बकाया राशि वसूली के लिए आरके अरोड़ा को फिर बुलाया गया, जिसके बाद 5 करोड़ का रुपये का सेटेलमेंट व दो करोड़ रुपये कंपनी की ओर से जमा कराए गए.