Ghaziabad Kawad yatra 2024: आगामी 22 जुलाई से कांवड़ यात्रा की शुरुआत होगी, जिससे पहले मुख्यमंत्री कार्यालय से गाजियाबाद जिला प्रशासन को व्यवस्थाएं दुरुस्त करने के निर्देश जारी किए गए हैं. गाजियाबाद से हर साल लाखों की संख्या में शिव भक्त कांवड़ लेकर जल लेने के लिए हरिद्वार के लिए निकलते हैं. ऐसे में दिल्ली, राजस्थान, हरियाणा से आने वाले कावड़ यह जल लेने के लिए हरिद्वार के लिए गाजियाबाद होते हुए निकलते हैं,जिससे पहले गाजियाबाद जिला प्रशासन द्वारा व्यवस्थाओं को बेहतर करने का काम किया जा रहा है. 

 

कांवड़ यात्रा में भक्त गाजियाबाद से मेरठ, मुजफ्फरनगर के रास्ते हरिद्वार पहुंचने हैं और वापसी में हरिद्वार, मुजफ्फरनगर, मेरठ के रास्ते होते हुए गाजियाबाद से दिल्ली, राजस्थान, हरियाणा के लिए वापस लौटते हैं. ऐसे में गाजियाबाद-मेरठ मार्ग पर प्रशासन की तैयारियां लगातार जारी हैं. मुख्यमंत्री के निर्देशानुसार गाजियाबाद में निगम कर्मचारी सड़कों पर साफ सफाई कर रहे हैं. सड़केंपहले के मुकाबले काफी साफ नजर आ रही हैं, इसके बाद भी निगम कर्मचारी सड़क के किनारे जमा प्लास्टिक कचरा और कूड़ा-करकट उठाते हुए नजर आए.

 


 

गाजियाबाद में कांवड़ मार्ग पर सीसीटीवी की व्यवस्था भी की गई है. रास्ते में सीसीटीवी और स्ट्रीट लाइट लगी हुई हैं. इसी तरह की व्यवस्था पूरे मेरठ मार्ग पर की गई है. वहीं सावन का महीना होने के चलते कांवड़ यात्रा के समय बारिश भी देखी जाती है ऐसे में बिजली के खंभों में करंट आ आता है, जिससे कई बार दुर्घटनाएं भी होती हैं. कांवड़ियों को ऐसी घटनाओं से बचाने के लिए कांवड़ मार्ग पर पड़ने वाले रास्तों पर प्लास्टिक शीट लगाकर इलेक्ट्रिक पोल को कवर किया है.यहां स्थानीय दुकानदार ने बताया कि इलेक्ट्रिक पोल पर प्लास्टिक शीट कवर करने का काम निगम द्वारा किया गया है.

 

वही गाजियाबाद के जिलाधिकारी इंद्र विक्रम सिंह ने बताया कांवड़ यात्रा को लेकर तैयारियां पूरी करने में प्रशासन जुटा हुआ है.अधिकांश जगह तैयारी पूरी कर ली गई है. कुछ एक जगह अभी भी गड्ढे आदि शेष हैं, जहां आने वाले 1 से 2 दिनों में कार्य पूर्ण कर लिया जाएगा. जिलाधिकारी ने बताया कि वो स्वंय फील्ड पर उतरकर कार्यों का जायजा ले रहे हैं. कांवड़ यात्रा शुरू होने से पहले सभी तैयारियां पूरी कर ली जाएंगी. 

 

जिलाधिकारी ने कहा कि कांवड़ यात्रा अब सार्वजनिक पर्व की तरह निकाली जाती है. इस दौरान कई  शिविर कमेटियों द्वारा पेयजल और खाने की व्यवस्था की जाती है. वहीं कांवड़ियों के रास्ते में भोजन करने के लिए ढ़ाबों के रेट निर्धारित किए गए हैं. डीजे की ऊंचाई को लेकर भी निर्देश दिए गए हैं. साथ ही गंग नहर में मृत पशु बहाए जाने को लेकर भी पेट्रोलिंग टीमों को सक्रिय कर दिया गया है. वह अपने-अपने एरिया में जाकर लगातार पेट्रोलिंग कर रही हैं, जिससे की गंग नहर में कोई पशु न डाले जाएं. यदि कहीं से बहकर कोई मृत पशु आता हुआ पाया जाता है तो उसको शीघ्र से शीघ्र निकलवा कर डिस्पोज करवाने का काम किया जाएगा.

 

Input- Piyush Gaur