Ghaziabad News: उत्तर प्रदेश सरकार के बेसिक शिक्षकों द्वारा डिजिटल हाजिरी लगाए जाने के फरमान ने शिक्षकों को विरोध में खड़ा कर दिया है. जहां यूपी के तमाम शिक्षक संघ डिजिटल हाजरी का विरोध कर रहे हैं. वहीं गाजियाबाद में इसको लेकर शिक्षकों ने नारेबाजी की और सरकार का विरोध जताया. वहीं शिक्षक और शिक्षक संघों से बिना बातचीत किए डिजिटल हाजिरी का मसौदा शिक्षकों के ऊपर दिया है. इसके विरोध में शिक्षक काली पट्टी बांधकर  काम कर रहें हैं. 


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शिक्षकों का कहना है कि यह विरोध लगातार जारी रहेगी और आने वाली 15 तारीख को सभी बेसिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय पर ज्ञापन सौंपा जाएगा. शिक्षकों की मांग है डिजिटल हाजिरी लगाए जाने की कमियों को दूर करते हुए फिर डिजिटल हाजिरी का आदेश दिया जाए. सबसे पहले शिक्षकों के विद्यालय में लेट होने पर उन्हें आधी छुट्टी लेने का प्रावधान दिया जाए. वहीं अवकाश वाले दिन काम किए जाने पर ई-एल प्रदान की जाए.


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शिक्षक संघ का कहना है कि सभी स्कूलों की भौगोलिक स्थिति एक जैसी नहीं है. ऐसे में शिक्षकों को कीचड़ भरे रास्ते, पानी भरे रास्ते और कच्चे रास्तों से गुजरना पड़ता है. ठंड में कोहरे का सामना करते हुए शिक्षक अपने स्कूल पहुंचता है. ऐसे में कई शिक्षक दुर्घटनाग्रस्त होकर जान भी गवा चुके हैं और शिक्षक संघ को उनकी भी चिंता है. सभी कार्यालय में कार्य करने वाले कर्मचारियों की तरह उन्हें भी अरुण लीव और द्वितीय शनिवार का अवकाश प्रदान किया जाए. डिजिटल हाजिरी में अगर ऐसी विसंगतियों को दूर करते हुए सरकार बातचीत करती है तो शिक्षकों को डिजिटल हाजिरी लगाने में कोई परेशानी नहीं है. 


शिक्षिका ने बताया डिजिटल हाजिरी में कई विसंगतियां है. शिक्षकों से डीबीटी मिड डे मील, जनगणना, बाल गणना जैसे काम लिए जाते हैं. वहीं डिजिटल हाजिरी शिक्षकों के सम्मान पर ठेस है. शिक्षकों को समझ में डिजिटल हाजिरी के फरमान से गलत दृष्टि से देखा जा रहा है. सभी शिक्षक जैसे काम पर लेट आते हो डिजिटल हाजिरी में अनुपस्थित होने पर उनकी सुनवाई कहां होगी. किस अधिकारी के पास जाकर उन्हें अपना पक्ष रखना होगा, यह स्थिति भी स्पष्ट होनी चाहिए. इसके साथ में उन्हें आधे दिन की कैजुअल लीव के साथ अर्न लीव जैसी सुविधाएं भी मिलनी चाहिए.