ग्रेटर नोएडा: ग्रेटर नोएडा के 15 और गांव आदर्श ग्राम के रूप में विकसित किए जाएंगे. इनकी टेंडर प्रक्रिया चल रही है. इन गांवों के विकास पर 61 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे. चार गांवों में पहले से ही विकास कार्य कराए जा रहे हैं. ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की सीईओ रितु माहेश्वरी ने बीते दिनों आदर्श ग्राम परियोजना की समीक्षा की और पहले चरण के सभी गांवों को आदर्श ग्राम में विकसित करने के लिए टेंडर प्रक्रिया पूरा कर शीघ्र काम शुरू कराने के निर्देश दिए हैं.


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साथ ही जिन गांवों में काम चल रहा है, उनको शीघ्र पूरा कराने के निर्देश दिए थे. परियोजना विभाग ने 15 और गांवों को आदर्श ग्राम के रूप में विकसित करने के लिए टेंडर प्रक्रिया शुरू कर दी है. मार्च तक इन सभी गांवों को आदर्श ग्राम बनाने के लिए कंपनियों का चयन कर विकास कार्य शुरू कराने का लक्ष्य है. ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के परियोजना विभाग के मुताबिक जिन गांवों में शीघ्र काम शुरू कराने की तैयारी है.


उनमें युसुफपुर चकशाहबेरी, तिगड़ी, छपरौला, सादुल्लापुर, जलपुरा, सिरसा, अस्तौली, अमीनबाद, चीरसी, हैबतपुर, मिलक लच्छी, धूम मानिकपुर, कैलाशपुर, साकीपुर व घोड़ी बछेड़ा गांवों को आदर्श बनाने की तैयारी है. इन गांवों को आदर्श ग्राम बनाने में करीब 61 करोड़ रुपये खर्च होने का आकलन है, जबकि मायचा, घरबरा, लड़पुरा, घंघोला में विकास कार्य पहले से चल रहे हैं. इन गांवों के विकास कार्य जल्द पूरा होने के आसार हैं.


इन गांवों को आदर्श ग्राम बनाने की योजना दो चरणों में परवान चढ़ेगी. पहले चरण में इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत किया जाएगा. मसलन, हर घर को पानी व सीवर कनेक्शन से जोड़ा जाएगा. सीवर लाइनों को एसटीपी से जोड़ा जाएगा. पूर्व में सीवर लाइनें आधी-अधूरी डाल दी गईं. उनको एसटीपी से नहीं जोड़ा गया. इन गांवों की सड़कें बेहतर की जाएंगी. नाली बनाई जाएंगी.


आपको बता दें कि इस योजना के तहत हर गली में स्ट्रीट लाइट होगी. कम्युनिटी हॉल बनेंगे. इन गांवों में विद्युतीकरण के कार्य भी होंगे. तो वहीं, दूसरे चरण में लाइब्रेरी, युवाओं के लिए ट्रेनिंग सेंटर, स्मार्ट क्लास बोर्ड आदि की सुविधा दी जाएगी. ट्रेनिंग सेंटर में युवाओं को रोजगारपरक कोर्स की जानकारी दी जाएगी, जिससे उनको कैरियर बनाने में मदद मिल सके.