Rohtak News: प्रधानमंत्री कुसुम योजना के तहत हरियाणा सरकार ने सौर पंप सब्सिडी योजना के तहत किसानों की खेती का खर्चा घटाने के लिए कदम उठाया गया है. जहां पहले आओ पहले पाओ की नीति के तहत कनेक्शन देने शुरू हो गए हैं. किसान भी इसका भरपूर फायदा उठा रहे हैं और अब उन्हें खेतों में सिंचाई के लिए महंगा डीजल नहीं जलाना पड़ रहा है. किसानों का कहना है कि इस योजना के तहत उनका खेती में लगने वाला खर्चा कम हो रहा है. जिसके चलते उनकी आमदनी बढ़ रही है.


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अगर एक किसान द्वारा खेती करते समय सिंचाई की बात की जाए तो ट्यूबवेल के माध्यम से 1 एकड़ की सिंचाई के लिए लगभग 15 घंटे तक का समय लगता है. अगर डीजल इंजन से यह सिंचाई की जाए तो लगभग 1000 रुपये से लेकर के 1500 रुपये तक डीजल की खपत हो जाती है और किसी भी फसल में 5 से 6 बार सिंचाई की जाती है. तो ऐसे में सिंचाई पर किसान का लगभग 10000 रुपये खर्च आता है, लेकिन किसान इस खर्च को बचा सकता है. जिसके लिए भारत सरकार की कुसुम योजना काफी सार्थक है और 75 प्रतिशत सब्सिडी पर सौर पंप दिए जा रहे हैं.


योजना का लाभ उठाने के लिए जरूरी शर्तें
हरियाणा सरकार सौर पंप सब्सिडी योजना के अंतर्गत 75% सब्सिडी पर  किसानों को 3HP से 10HP क्षमता के सोलर वाटर पंप दिए जा रहे हैं. इस योजना का लाभ वही किसान ले सकते हैं, जिनके पास बिजली पंप का कनेक्शन न हो, किसान के पास कृषि भूमि का मालिकाना हक हो और किसान ने पहले सोलर पंप का कनेक्शन न ले रखा हो. 


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10HP क्षमता तक के मिलेंगे कनेक्शन 
3 एचपी डीसी मोनोब्लॉक पंप लेने के लिए किसान को 45,075 रुपये जमा कराने होंगे. 3 एचपी सबमर्सिबल नॉर्मल कंट्रोलर पंप के लिए 46,658 रुपये किसान को देने होंगे. 7.5 एचपी डीसी मोनोब्लॉक पंप के लिए 91,894 रुपये देने होंगे. 7.5 एचपी डीसी सबमर्सिबल नॉर्मल कंट्रोलर पंप के लिए 92,007 रुपये देने होंगे. 10 एचपी डीसी मोनोब्लॉक पंप के लिए 1,15,507 रुपये किसान को जमा कराने होंगे. 


मोबाइल से भी चला सकेंगे पंप
किसानों का कहना है कि यह सरकार की इस योजना के लाभ से जहां अब उन्हें डीजल नहीं जलाना पड़ता. वहीं समय की भी काफी बचत हो जाती है और वे पंप को अपने मोबाइल से भी ऑपरेट कर पाते हैं. पहले डीजल इंजन चलाकर उसके पास बैठना पड़ता था, लेकिन अब ऐसी कोई दिक्कत उनके सामने नहीं आ रही. उन्होंने सरकार का धन्यवाद देते हुए किसानों से योजना का अपील की. पंप लगाने से अब परंपरागत खेती के साथ-साथ सब्जी और अन्य प्रकार की फसलें भी उगा सकते हैं.


खेती पर खर्च कम होने से किसान खुश 
जिला परियोजना अधिकारी सुधीर सांगवान का कहना है कि पूरे जिले में अभी तक सौर पंप सब्सिडी योजना के तहत 1 हजार कनेक्शन दिए जा चुके हैं. इतने ही कनेक्शन के लिए आवेदन मिल चुका है, क्योंकि इस पंप से किसानों का खेती का खर्चा घट रहा है. पहले किसान तो बिजली के पंप या डीजल इंजन से सिंचाई करता था, जिससे कि उसमें उसका काफी खर्च हो जाता था. क्योंकि डीजल लगभग 90 रुपये प्रति लीटर के हिसाब से मिलता है. ऐसे में यही योजना किसानों के लिए वरदान साबित हो रही है.


Input: राज टाकिया