Gurugram Ambience Mall Bomb Threat: नोएडा के डीएलएफ मॉल समेत गुरुग्राम के एंबिएंस मॉल और मुंबई के इनऑर्बिट मॉल को एक साथ बम से उड़ाने की धमकी भरे ईमेल भेजे जाने के मामले में जांच शुरू हो चुकी है. ईमेल में लिखा गया था, "हेलो, एक बम तुम्हारी बिल्डिंग में है. यहां मौजूद हर व्यक्ति मारा जाएगा, कोई नहीं बचेगा. तुम मरने के लायक हो."


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पुलिस इसे बता रही मॉक ड्रिल
पुलिस इस ईमेल को मॉक ड्रिल बता रही है. वहीं, सूत्रों का कहना है कि यह जांच की जा रही है कि मेल एक ही IP एड्रेस से भेजा गया है या अलग-अलग. पुलिस इसे ट्रैक कर रही है. लगभग चार महीने पहले, दिल्ली-एनसीआर के 100 स्कूलों को बम से उड़ाने की धमकी भी मिली थी. उस मेल का फॉर्मेट Mail.ru था, जो कि रूसी सर्वर का उपयोग करता था. पहचान छिपाने के लिए भेजने वाले ने विदेशी सर्वर का इस्तेमाल किया था, और उस मेल की भाषा इस्लामिक स्टेट की भाषा से मिलती-जुलती थी.


की जा रही है जांच
हालांकि, उस मामले की जांच अभी भी चल रही है. इसके बाद, दिल्ली के 6 अस्पतालों को भी इसी प्रकार के बम धमकी मेल मिले थे. इन मेल्स का पैटर्न समझना जरूरी है. मेल एक साथ, एक ही समय पर भेजे जा रहे हैं, जो एक्सपर्ट्स के लिए भी चिंता का विषय है. उनका मानना है कि यह या तो किसी की शरारत हो सकती है या फिर इसके पीछे कोई बड़ी साजिश हो सकती है. यह जांच का विषय है.


17 अगस्त को भेजे गए मेल का विश्लेषण
17 अगस्त की सुबह 9:27 बजे जो मेल मॉल्स को मिला, उसमें पहचान छिपाने की कोशिश नहीं की गई थी. मेल भेजने के लिए जीमेल आईडी का उपयोग किया गया.यह मेल एक साथ गुरुग्राम, नोएडा, और मुंबई के मॉल्स को भेजा गया. इस मेल में लूलू मॉल की आईडी "helpdesktvm" को भी शामिल किया गया. सर्च करने पर पता चला कि यह आईडी लूलू मॉल की है. मेल भेजने वाले ने पेजी और नोरा का नाम भी लिया, जो असामान्य है क्योंकि आमतौर पर धमकी भरे मेल्स में नाम नहीं दिए जाते.


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पुलिस ने लोगों को पार्किंग से गाड़ियां निकालने के लिए कहा
सुबह 10:30 बजे के करीब, जैसे ही पुलिस मॉल में पहुंची, माइक के जरिए घोषणा की गई कि जिनके वाहन पार्किंग में हैं, वे तुरंत बाहर निकाल लें. इससे अफरा-तफरी मच गई और लोग जल्दी-जल्दी बाहर निकलने लगे. कुछ देर की कहासुनी के बाद लोग समझ गए और अपनी गाड़ियां लेकर बाहर चले गए. इस दौरान किसी भी तरह का जान-माल का नुकसान नहीं हुआ.  चूंकि डीएलएफ मॉल का खुलने का समय 11 बजे है, इसलिए उस वक्त वहां कम लोग मौजूद थे. जांच के समय मॉल के अंदर लगभग 250 लोग थे.


नोएडा पुलिस का मॉक ड्रिल का बयान
पुलिस ने सूचना मिलते ही मॉल को खाली कराया और गाड़ियों की चेकिंग की. इसके बाद क्लीयरेंस दी गई. हालांकि, पुलिस ने इसे मॉक ड्रिल करार दिया. डीसीपी ने कहा कि ऐसे मेल्स और कॉल्स आने पर पुलिस कितनी तेजी से रेस्पॉन्ड कर सकती है, यह जांचने के लिए मॉक ड्रिल की गई थी. यह मॉक ड्रिल रिस्पॉन्स टाइम को मापने के लिए आयोजित की गई थी और ऐसे अभ्यास नियमित रूप से होते रहते हैं.