Haryana News: अजय यादव ने हरियाणा कांग्रेस में OBC के कम प्रतिनिधित्व पर जताई आपत्ति
Haryana Politics: हरियाणा में ओबीसी का भाजपा में अधिक प्रतिनिधित्व है. राव इंद्रजीत सिंह ओबीसी हैं, भूपिंद्र यादव ओबीसी हैं, कृष्ण पाल गुर्जर ओबीसी हैं, वे सभी केंद्रीय मंत्री हैं. हरियाणा कांग्रेस पार्टी में सोशल इंजीनियरिंग नहीं की गई है.
Haryana News: कांग्रेस से इस्तीफा दे चुके वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री कैप्टन अजय यादव ने कुछ ही घंटों बाद यूटर्न ले लिया. शनिवार को उन्होंने एक्स पर पोस्ट किया- मैं जन्म से कांग्रेसी हूं और आखिरी सांस तक कांग्रेसी ही रहूंगा. हालांकि उन्होंने सोमवार को पार्टी के शीर्ष निकायों में ओबीसी के कम प्रतिनिधित्व पर आपत्ति जताई. साथ ही और विधानसभा चुनाव में पार्टी के खराब प्रदर्शन को लेकर राज्य के एआईसीसी प्रभारी दीपक बाबरिया पर भी निशाना साधा.
अजय यादव ने कहा कि कांग्रेस चुनाव का माइक्रो मैनेजमेंट नहीं कर पाई. एआईसीसी हरियाणा के प्रभारी दिपक बाबरिया अस्पताल में थे. अगर वह अस्वस्थ थे तो उन्हें पहले ही इस्तीफा दे देना चाहिए था, लेकिन अब चुनाव का रिजल्ट आने के बाद उन्होंने अपने इस्तीफे की पेशकश की. उन्होंने ऐसा क्यों किया? हमारे पीसीसी प्रमुख खुद चुनाव लड़ने में व्यस्त थे. कांग्रेस ओबीसी विभाग के अध्यक्ष ने कांग्रेस कार्य समिति (CWC) और केंद्रीय चुनाव समिति (CEC) जैसे पार्टी के मंचों पर ओबीसी नेताओं के कम प्रतिनिधित्व की ओर पार्टी का ध्यान ध्यान दिलाया.
उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर चुनाव में ओबीसी लोगों को टिकट नहीं दिया गया. हरियाणा में भी उन्हें उतना महत्व नहीं मिला, जितना मिलना चाहिए था. उन्होंने कहा कि ओबीसी विभाग के अध्यक्ष का उनका पद भी सजावटी है.
ये बताना मेरा कर्तव्य है
उन्होंने कहा कि हरियाणा में ओबीसी का भाजपा में अधिक प्रतिनिधित्व है. राव इंद्रजीत सिंह ओबीसी हैं, भूपिंद्र यादव ओबीसी हैं, कृष्ण पाल गुर्जर ओबीसी हैं, वे सभी केंद्रीय मंत्री हैं. हरियाणा कांग्रेस पार्टी में सोशल इंजीनियरिंग नहीं की गई है, जहां ओबीसी का प्रतिनिधित्व कम है. यूपी, बिहार, पंजाब में जहां सीएलपी और प्रमुख ओबीसी समुदाय से नहीं हैं. मुझे ये बातें बतानी हैं, ये मेरा कर्तव्य है. उन्होंने कहा, फिलहाल मेरा इस्तीफा स्वीकार नहीं किया गया है, स्वीकार किया जाएगा या नहीं, यह पार्टी को तय करना है. उन्होंने अपना इस्तीफा वापस ले लिया है और अब उसके अनुसार काम करेंगे.
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योगदान को न सराहे जाने से थे नाराज
मैंने पिछले 38 वर्षों से कांग्रेस पार्टी की सेवा की है और कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा और पार्टी को अपना सर्वश्रेष्ठ दिया. मैंने राजीव गांधी और सोनिया गांधी के साथ काम किया और मेरे प्रति उनके स्नेह को कभी भूल नहीं सकता. हमारा परिवार पार्टी से 70 वर्षों से अधिक समय से जुड़ा रहा है. उनके पिता राव अभय सिंह नेहरू-गांधी परिवार के साथ रहे. फिर उन्होंने कांग्रेस को छोड़ने का फैसला क्यों किया था. इस सवाल पर कैप्टन अजय यादव ने कहा, मैं परेशान था कि ओबीसी विभाग के लिए की गई मेरी कड़ी मेहनत को हाईकमान सराह नहीं रहा था और इसलिए मुझे मजबूर होकर ये कठोर कदम उठाना पड़ा, लेकिन बेटे चिरंजीव ने उन पर दबाव डाला कि वह अतीत को भूल जाएं. ठंडे दिमाग से मैंने अब कांग्रेस पार्टी को मजबूत करने का फैसला किया है खासकर मेरी गुरु और नेता सोनिया गांधी को.
उन्होंने कहा, मैं भाजपा में नहीं जा रहा हूं, जबकि कई लोग जा चुके हैं. चुनाव के बाद मेरे पास प्रस्ताव था, लेकिन मैं नहीं गया. हमारे परिवार का कांग्रेस से 70 साल का रिश्ता है. अजय यादव ने कहा कि उन्होंने पार्टी हाईकमान के सामने जाति जनगणना का मुद्दा उठाया था, जिसे कांग्रेस शासित राज्यों में ठीक से लागू नहीं किया जा रहा था. इसके अलावा क्रीमीलेयर की सीमा बढ़ाने और उच्च शिक्षा में उचित प्रतिनिधित्व का भी मुद्दा है.