नवीन शर्मा/ भिवानी: बदलते समयनुसार वर्तमान में व्सक्ति आज विज्ञान के बल पर उच्च तकनीक का प्रयोग करके अपने जीवन को सुविधाजनक और आरामदायक बना रहा है. वैसे ही कुछ गलत नियत रखने वाले अपराधी किस्म के व्यक्ति उन्हीं तकनीकों का प्रयोग करके गलत फायदा उठा रहे हैं. जी हां कुछ ऐसी ही 30 शिकायतें साइबर क्राइम थाना (Cyber Crime Station) भिवानी में मिली हैं. तकनीकों का प्रयोग करके साइबर ठग (Cyber Thug) लोगों को ठगी का शिकार बना रहे हैं.


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अगर आप भी ऑनलाइन सुविधाओं का सहारा ले रहें हैं तो हो जाइए सावधान. क्योंकि साइबर ठग आपके खाते पर टकटकी लगाएं हुए हैं और पलक झपकते की आपका खाता साफ कर देंगें. इससे बचाव की जानकारी पुलिस द्वारा दी गई है. इसी कड़ी में भिवानी पुलिस अधीक्षक अजीत सिंह शेखावत के दिशा निर्देश अनुसार साइबर क्राइम थाना भिवानी प्रभारी विकास कुमार द्वारा लोगों को एक डेमो के जरिये जागरूक किया गया है ताकि आमजन किसी भी तरह की साइबर ठगी का शिकार न हों. 


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विस्तार से जानकारी देते हुए साइबर थाना प्रभारी ने बताया कि बैंक द्वारा सभी उपभोक्ताओं को अपने बायोमेट्रिक के माध्यम से पैसे निकालने के लिए सुविधा प्रदान करती है. जिसे आधार इनेबल्ड पेमेंट सिस्टम (Aadhaar Enabled Payment System) कहा जाता है. इसको भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (National Payments Corporation of India) द्वारा विकसित किया गया है. इस तकनीक का प्रयोग करके उपभोक्ता अपना आधार कार्ड नम्बर (Aadhar Card No.), फिगर प्रिंट स्कैन कर ट्रांजेक्शन कर सकता है.


ठग इसका गलत फायदा उठाते हुए रजिस्ट्री का ऑनलाइन डेटा डाउनलोड करके यानी बायोमेट्रिक डेटा चुराकर खाते खाली कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि इस तरह की 30 शिकायतें एक महीने में आ चुकी है, जिसकी गहनता से जांच जारी है और जल्द ही इन साइबर अपराधियों पर शिकंजा कसा जाएगा. उन्होंने कहा कि पहले भी पुलिस इस तरह के कुछ साइबर ठगों को गिरफ्तार कर चुकी है. साथ ही उन्होंने अपील करते हुए कहा कि अपने बायोमेट्रिक डेटा को लॉक करके रखें. उन्होंने कहा कि जरुरत पड़ने पर ही आधार इनेबल्ड पेमेंट सिस्टम को अनलॉक करें.