Chandigarh News: हरियाणा में एक बार फिर चौटाला परिवार आमने-सामने है. जिला परिषद चुनावों में परिवार एक दूसरे के खिलाफ उतरेगा. बता दें कि ऐसा पहली बार नहीं हो रहा है, जब चौटाला परिवार के सदस्य जिला परिषद के चुनाव में एक दूसरे के खिलाफ चुनावी मैदान में उतर रहे हो. इससे पहले 3 बार चौटाला परिवार जिला परिषद के अध्यक्ष पद के लिए एक दूसरे के लिए खिलाफ उतर चुका है.


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बता दें कि सिरसा जिला परिषद के चुनावों में रानियां विधानसभा क्षेत्र के वार्ड नंबर 6 से अभय चौटाला के बेटे कर्ण चौटाला ने नामांकन भरा है. वहीं इसी वार्ड से बिजली मंत्री रणजीत सिंह चौटाला अपने बेटे गगनदीप चौटाला को उतारने की घोषणा कर चुके हैं. रणजीत सिंह का लक्ष्य अपने बेटे को राजनीति में उतारकर जिला परिषद का अध्यक्ष पद पाना नहीं है, बल्कि अपने गढ़ रानियां विधानसभा को बचाना है.


रणजीत सिंह को अपनी सीट का खतरा
अभय सिंह अपने बेटे को 2024 विधानसभा चुनाव के लिए तैयार कर रहे है. अभी तक अभय सिंह के बेटे कर्ण चौटाला ने कोई विधानसभा चुनाव नहीं लड़ा है. वहीं इनोले 2024 में कर्ण को अपना उम्मीदवार घोषित कर सकती है. ऐसे में रणजीत सिंह कर्ण को अपनी चुनती समझ रहे हैं. बता दें कि रानियां विधानसभा हलका 2009 में परिसीमन में बना. 2009 और 2014 का विधानसभा चुनाव कांग्रेस के टिकट पर लड़ा और दोनों बार इनोले के उम्मीदवारों से हार गए. वहीं 2019 में पहली बार वो विधानसभा तुनाव जीते और बीजेपी को समर्थन देकर मंत्री बन गए.


वहीं हाल ही में हुए नगर पालिका के चुनावों रणजीत सिंह का समर्थक उम्मीदवार इनोले समर्थक से भारी मतों से हार गया. इसको लेकर ही रणजीत सिंह की अपने हलके पर पकड़ ढीली महसूस होने की चर्चाएं चल पड़ी. वहीं जिला परिषद में बेटे को उतार कर अपने विरोधियों को अपनी राजनीतिक मजबूती का संदेश देना चाहते हैं.


जिला परिषद चुनाव में अबकी बार चौटाला परिवार से कर्ण चौटाला ही सबसे बड़े दावेदार है. कर्ण चौटाला ने रानियां विधानसभा क्षेत्र के जोन से नामांकन दाखिल किया. इसको रणजीत सिंह ने एक चुनौती के रूप में लिया और अपने बेटे गगनदीप को चुनाव मैदान में उतार दिया.