Haryana Farmer: हरियाणा में किसान अब परंपरागत खेती छोड़ आधुनिक खेती की तरफ बढ़ रहे हैं. किसानों को इस तरह की खेती करने से काफी फायदा हो रहा हैं. बता दें कि कुछ किसान खेतों में झींगा मछली पालन कर रहे हैं. इससे किसान कुछ ही महीने में लाखों रुपये कमा रहे है. वहीं इसकी खेती से किसानों को किसी तरह का कोई नुकसान होता है. 


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बता दें कि झींगा मछली पालन की खेती करने के लिए हरियाणा सरकार के साथ-साथ केंद्र सरकार किसानों का भरपूर साथ भी दे रही है. इसकी खेती करने के लिए पुरुष किसानों को 40% और महिला किसानों को 60% सब्सिडी दी जाती है. वहीं किसान भी बढ़ चढ़कर झींगा मछली पालन कर  रहे हैं.


परंपरागत खेती में किसानों को बेमौसम बारिश, पानी की कमी पेस्टिसाइड के साइड इफेक्ट जैसी कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता था, लेकिन झींगा मछली पालन में उनको इस तरह के कोई नुकसान नही है. सिरसा जिला के किसान झींगा मछली का पालन कर अच्छा खासा मुनाफा उठा रहे हैं.


बता दें कि सिरसा के डीसी डॉ अजय तोमर ने बताया कि सरकार द्वारा प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना की शुरुआत की गई थी. इसके तहत SC की महिला और पुरुष को झींगा मछली पालन के लिए 60% सब्सिडी दी जाती है. वहीं सामान्य श्रेणी में आने वाले पुरुष किसानों को 40% तक की सब्सिडी दी जाती है. अजय तोमर ने बताया कि प्रति हेक्टेयर में 14 लाख की राशि का यह प्रोजेक्ट है. इसमें तालाब का निर्माण, स्टोर, खाद, खुराक और इससे सम्बंधित लेबर इत्यादि इसमें शामिल होते हैं.


वहीं डीसी डॉ अजय तोमर ने बताया कि सिरसा झींगा मछली पालन में प्रदेश में पहले स्थान पर है. उन्होंने बताया कि पूरे जिले में करीब 1200 एकड़ क्षेत्र में झींगा मछली पालन की खेती हो रही है. वहीं पूरे प्रदेश में यह आंकड़ा करीब 1800 एकड़ क्षेत्र में ही है. उन्होंने बताया कि किसान पंचायती जमीन को 8 साल के लिए पट्टे पर लेकर भी झींगा मछली पालन की खेती कर सकते है. वहीं हरियाणा सरकार मछली पालन की खेती करने वाले किसानों को ज्यादा से ज्यादा सब्सिडी दे रही है.


झींगा मछली का पालन महिलाएं भी कर रही हैं. इस बीच महिला किसान सुमित्रा रानी ने भी परंपरागत खेती छोड़ मछली पालन की खेती की. इसके बाद से वह महज 4 महीनों में 32 लाख रुपये कमा लेती हैं. वहीं मत्स्य विभाग भी सरकार की योजनाओं के लिए लगातार किसानों को जागरुक करने में जुटा है.