Haryana News: दुष्यंत चौटाला के हल्के में किसानों ने कराया टोल फ्री, अनिश्चतकालीन धरना किया शुरू
Haryana News: हरियाणा-पंजाब के दाता सिंह वाला बॉर्डर पर टकराव के मामले में जिले की गढ़ी थाना पुलिस ने भारतीय किसान नौजवान यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष अभिमन्यु कोहड़ सहित 6 किसानों के खिलाफ केस दर्ज किया गया है.
Haryana News: हरियाणा-पंजाब दाता सिंह वाला बॉर्डर पर 6 किसानों के खिलाफ संगीन धाराओं के तहत मामले दर्ज किए गए. इसके बाद पुलिस ने 3 किसान नेताओं को गिरफ्तार भी कर लिया था. गिरफ्तार किए गए नेताओं में कथुरा निवासी अक्षय नरवाल, मदीना निवासी प्रवीण और कोयल निवासी वीरेंद्र का नाम शामिल हैं. इनकी गिरफ्तारी का विरोध करते हुए जनता सरकार मोर्चा और किसान संगठनों ने खटकड़ टोल पर अनिश्चतकालीन धरना शुरू किया. साथ ही संगठन ने टोल फ्री करवा दिया. वहीं, किसान नेताओं ने मांग की है कि अगर किसान नेताओं को जल्द रिहा नहीं किया गया तो वो आंदोलन को तेज करेंगे. साथ ही उन्होंने हरियाणा के टोल फ्री करवाने का ऐलान किया.
SDM के नाम सौंपा गया ज्ञापन
किसान नेताओं ने शनिवार को जीन्द में प्रदर्शन कर उपायुक्त के नाम एसडीएम के माध्यम से ज्ञापन सौंपकर ये चेतावनी दी थी कि अगर सोमवार तक इन तीनों को रिहा नहीं किया गया तो खटकड़ टोल फ्री कर देंगे.
3 किसानों को किया गया गिरफ्तार
हरियाणा पंजाब के दाता सिंह वाला बॉर्डर पर टकराव के मामले में जिले की गढ़ी थाना पुलिस ने भारतीय किसान नौजवान यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष अभिमन्यु कोहड़ सहित 6 किसानों के खिलाफ हत्या के प्रयास, सरकारी कार्य में बाधा डालने, तोड़फोड़ करने और धारा 144 का उल्लंघन करने का केस दर्जकर कथुरा गांव के अक्षय नरवाल, रोहतक जिले के मदीना गांव निवासी प्रवीण कुमार और कैथल जिले के कोयल गांव निवासी वीरेंद्र को गिरफ्तार कर रात को ही स्पेशल कोर्ट में पेश कर जेल भेज दिया था. इस मामले को लेकर किसान संगठनों ने धरना शुरू कर टोल फ्री करवा दिया.
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किसान कर रहे हैं धरना-प्रदर्शन
बता दें कि किसान अपनी विभिन्न मांगों को लेकर धरना-प्रदर्शन कर रहे हैं. उन्होंने 13 फरवरी के दिन दिल्ली कूच का ऐलान किया था, जिसको देखते हुए प्रशासन की ओर से दिल्ली से जुड़ने वाले बॉर्डर्स को सील कर दिय गया और किसानों को बॉर्डर पर ही रोक लिया गया. वहीं, दूसरी ओर सरकार और किसानों के बीच लगातार बातचीत चल रही है. बीते दिन सरकार और किसानों के बीच चौथे दौरे की वार्ता हुई, लेकिन कुछ खास बात नहीं बनी. ऐसे में अब ये देखने वाली बात होगी कि आगे किसानों और प्रशासन दोनों का क्या रूख रहता है.
INPUT- Gulshan