Haryana News: मूलभूत सुविधाओं के लिए तरस रहा फतेहाबाद, बरसात में स्थिति बदतर
Haryana News: मानसून के सीजन में स्थिति विकट हो जाती है. हालत बद से बदतर हो जाते हैं. कमोवेश यही हालात जिले के दर्जनभर से अधिक ग्रामीण इलाकों की है. बरसात की पानी निकासी न होने के कारण भट्टू क्षेत्र के दर्जन भर से अधिक गांव इसी समस्या से जूझ रहे हैं.
Haryana News: वर्षों से राजनीति में अहम भूमिका निभाने वाला फतेहाबाद विधानसभा क्षेत्र आज भी मूलभूत सुविधाओं को तरस रहा है. शिक्षा और स्वास्थ जैसी आधारभूत सुविधाओं के मामले में सबसे निचले पायदान पर है. फतेहाबाद में जिला मुख्यालय होने के बाद भी यहां न तो कोई उच्च तकनीकी शिक्षण संस्थान है और न ही कोई सरकारी कॉलेज. इसके अलावा स्वास्थ्य की दृष्टि से देखें तो यहां भले ही नागरिक अस्पताल है मगर सुविधाओं के लिहाज से यह अस्पताल स्वयं ही वेंटिलेटर पर है.
अस्पताल में नहीं जगह
अस्पताल में न मेडिकल स्टॉफ हैं न ही पैरामेडिकल स्टॉफ. इलाके में सड़कें, गलियां, पेयजल सप्लाई या बिजली सप्लाई की व्यवस्था भले ही अन्य जिलों से बेहतर हो मगर अब भी ऐसी कई समस्याएं हैं जिससे इलाकावासी वर्षों से जूझ रहे हैं, मगर कोई समाधान होता नजर नहीं आ रहा है. सबसे बड़ी समस्या बरसात के पानी की निकासी की है. बरसात के पानी की निकासी का सिस्टम न होने के कारण बीते साल भूना में मानसून सीजन में बाढ़ के हालात बन गए थे. फतेहाबाद जिला मुख्यालय की मुख्य जवाहर चौक से लेकर थाना रोड, अरोड़वंश धर्मशाला रोड़, तुलसीदास चौक, एमसी कॉलोनी ऐसी तमाम कॉलोनियां और बाजार हैं, जहां मामूली सी बरसात के बाद जलभराव हो जाता है और जल निकासी के लिए लोगों को सड़कों पर आना पड़ता है.
बरसात के पानी की निकासी नहीं
मानसून के सीजन में स्थिति विकट हो जाती है. हालत बद से बदतर हो जाते हैं. कमोवेश यही हालात जिले के दर्जनभर से अधिक ग्रामीण इलाकों की है. बरसात की पानी निकासी न होने के कारण भट्टू क्षेत्र के दर्जन भर से अधिक गांव इसी समस्या से जूझ रहे हैं. धरती बंजर हो चुकी है, पैदावार न होने के कारण लोग परेशान हैं. विधायक से लेकर सीएम और एसडीएम से लेकर एसीएस जैसे बड़े अधिकारियों के आगे गुहार लगा चुके हैं, मगर हालत नहीं बदले.
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नहीं उतरा धरातल पर प्रोजेक्ट
इसी प्रकार स्वास्थ्य, शिक्षा के अलावा जिले में कोई बड़ा उद्योग नहीं है, जो बेरोजगार युवाओं को रोजगार देने में सहायक सिद्ध हो सके. चुनावी मौसम में जिले में प्रोसेसिंग प्लांट अथवा-औद्योगिक इकाई स्थापित किए जाने के वादे तो कई बार किए गए मगर प्रोजेक्ट धरातल पर उतरा नहीं. लोग आज भी इस इंतजार में हैं कि कभी तो फतेहाबाद का भी भाग्य उद्य होगा. पिछले पांच वर्षों की बात करें तो इन पांच वर्षों में फतेहाबाद विधानसभा इलाके में कोई भी बड़ा प्रोजेक्ट नहीं आया, जिसे देखकर यह कहा जा सके कि फतेहाबाद विकास की पटरी पर दौड़ रहा है.
INPUT- Ajay Mehta