Haryana News: हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने पेपरलेस, फेसलेस और पारदर्शी व्यवस्था के विजन को साकार करते हुए ठेकेदारों को सुविधा प्रदान करने के उद्देश्य से हरियाणा इंजीनियरिंग वर्क्स पोर्टल https://works.haryana.gov.in की शुरुआत करने के बाद अब ई-गर्वनेंस की दिशा में एक और कदम बढ़ाया है. राज्य सरकार जल्द ही इंजीनियरिंग कार्यों के लिए ठेकेदारों द्वारा दी जाने वाली बैंक गारंटी को ई-बैंक गारंटी के रूप में स्वीकार करेगी. इससे ईज ऑफ डुइंग बिजनेस के तहत सरकार के तीन प्राथमिक इंजीनियरिंग विभागों लोक निर्माण विभाग, सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग और जनस्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभागों के इंजीनियरिंग कार्यों में काम करने के इच्छुक ठेकेदारों को बड़ी सुविधा मिलेगी और उनके समय की भी बचत होगी.


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मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने शुक्रवार को चंडीगढ़ में हरियाणा इंजीनियरिंग वर्क्स पोर्टल की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की. मुख्यमंत्री ने हरियाणा इंजीनियरिंग वर्क्स पोर्टल https://works.haryana.gov.in की शुरुआत करने के बाद अब ई-गर्वनेंस की दिशा में एक और कदम बढ़ाया है. राज्य सरकार जल्द ही इंजीनियरिंग कार्यों के लिए ठेकेदारों की ओर से दी जाने वाली बैंक गारंटी को ई-बैंक गारंटी के रूप में स्वीकार करेगी. इससे ईज ऑफ डुइंग बिजनेस के तहत सरकार के तीन प्राथमिक इंजीनियरिंग विभागों लोक निर्माण विभाग, सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग और जनस्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभागों के इंजीनियरिंग कार्यों में काम करने के इच्छुक ठेकेदारों को बड़ी सुविधा मिलेगी और उनके समय की भी बचत होगी.


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मुख्यमंत्री ने संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिया कि पोर्टल पर कार्य अपलोड हो जाने के बाद और प्रशासनिक स्वीकृति मिल जाने के बाद उनकी तकनीकि स्वीकृति प्रदान करने में किसी भी प्रकार की देरी नहीं होनी चाहिए. यदि 90 दिन से ज्यादा तकनीकि स्वीकृति लंबित रहती है तो संबंधित के विरुद्ध नियमानुसार कार्रवाई अमल में लाई जाएगी. बैठक के दौरान नेशनल ई-गवर्नेंस सर्विस लिमिटेड के प्रतिनिधियों द्वारा ई-बैंक गारंटी के संबंध में प्रस्तुतीकरण भी दिया गया. बैठक में बताया गया कि वर्तमान में ठेकेदारों द्वारा दी जाने वाली बैंक गारंटी (हार्ड कॉपी) की प्रक्रिया लंबी है, जिसमें लगभग 5-6 दिनों का समय लगता है, जबकि ई-बैंक गारंटी से यह काम केवल 3-4 घंटों में ही पूरा हो सकेगा. इससे ठेकेदारों के साथ-साथ सरकारी विभागों को भी सुविधा होगी. बैठक में बताया गया कि कभी-कभी विभागों को यह पता नहीं चल पाता कि किस ठेकेदार की बैंक गारंटी कब समाप्त हो रही है और वे सशर्त बैंक गारंटी को इनकैश भी नहीं करवा पाते, जिससे वित्तीय नुकसार भी होता है. ई-बैंक गारंटी अपनाने से इस पोर्टल के माध्यम से विभागों को भी अलर्ट जाएगा कि बैंक गारंटी की अवधि क्या है.


INPUT- VIJAY RANA