Haryana News: 2 दिन बाद एक बार फिर यमुनानगर में सुबह-सुबह तेज हवाएं चली और हल्की बारिश हुई. इसके चलते मौसम में एक बार फिर परिवर्तन आने से तापमान में गिरावट आई है. वहीं किसानों के खेतों में खड़ी गेहूं की फसल गिरनी शुरू हो गई है.


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यमुनानगर में 2 दिन मौसम साफ रहने से जहां तापमान में गर्माहट थी तो वहीं आज एक बार फिर यमुना नगर में सुबह सुबह तेज हवाएं चलने और हल्की बूंदाबांदी से ठंडक होने से तापमान में गिरावट आई. वहीं तेज हवाओं के चलने से किसानों के खेतों में खड़ी गेहूं की फसल जमीन पर गिरनी शुरू हो गई. लगातार मौसम में इस तरह परिवर्तन होने से लोगों का स्वस्थ भी खराब होने की संभावना बनी रहती है. पिछले कई दिनों से मौसम में कभी एकदम गर्मी हो जाती है तो कभी आसमान में बादल छाने से मौसम नरम हो जाता है. इसकी वजह से खांसी, जुखाम और बुखार बढ़ने की संभावना रहती है.


मौसम परिवर्तन की अगर बात करें तो सबसे ज्यादा नुकसान किसान की फसल को हो रहा है, क्योंकि गेहूं की फसल खेतों में पक कर तैयार हो चुकी है, लेकिन बार-बार मौसम परिवर्तन होने से नमी के कारण कट नहीं रही है. इसकी वजह से आज चौथे दिन मंडी में गेहूं की खरीद तो शुरू हो चुकी है, लेकिन मंडियों में गेहूं नहीं है. इसका प्रमुख कारण मौसम परिवर्तन है. वहीं इसे मौसम परिवर्तन कहें या कुदरत का करिश्मा जो एक बार फिर लोगों को स्वेटर और जैकेट पहनने पर मजबूर होना पड़ रहा है.


वहीं सोनीपत में बेमौसम बारिश से राहत मिलने के बाद अब खेतों में किसान गेहूं की फसलों की कटाई के कार्य में तेज गति के साथ जुट गए हैं. ज़ी मीडिया ने ग्राउंड जीरो पर जब खेतों में गेहूं की कटाई कर रहे किसानों से बात की. उनका कहना था कि बारिश की वजह से गेहूं लोटपोट हो गया है. उसे काटने में दिक्कत परेशानी जरूर आ रही हैं. वहीं जितनी भी गेहूं की बाली जमीन से सट गई वह अब काली हो गई है. जब वह मंडी में बेचने जाएंगे तो उन्हें शायद उचित भाव भी ना मिले. इस तरह की चिंता भी अब किसानों को सता रही है. किसानों ने अपना दर्द भी बयान किया है.


Input: RAJESH KHATRI/KULWANT SINGH