Nuh Violence: VHP व बजरंग दल की रैलियों पर SC ने नहीं लगाई रोक, कहा- हेट स्पीच न होने पाए
Nuh Violence News: दिल्ली एनसीआर में हो रही विश्व हिंदू परिषद (VHP) और बजरंग दल की रैली पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगाने से इंकार किया है. कोर्ट ने दिल्ली, यूपी, हरियाणा को पुराने आदेशों पर अमल करने के आदेश दिए है.
Nuh Violence Update: नूंह हिंसा के विरोध में दिल्ली एनसीआर में हो रही विश्व हिंदू परिषद (VHP) और बजरंग दल की रैली पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगाने से इंकार किया है. हालांकि कोर्ट ने पुलिस और राज्यों को हिदायत दी है कि वो यह सुनिश्चित करें कि ऐसी जगह पर कोई भड़काऊ बयानबाजी या हिंसा की वारदात न हो. कोर्ट ने दिल्ली, यूपी, हरियाणा से कहा है कि वो हेट स्पीच को लेकर कोर्ट के पुराने आदेशों पर अमल करें.
कोर्ट ने कहा है कि जहां जरूरत हो, वहां राज्य सरकार अतिरिक्त पुलिस बल तैनात कर सकती है. संवेदनशील इलाकों पर हो रही रैली की वीडियो रिकॉर्डिंग हो. वहाँ CCTV कैमरे लगाए जाए. ऐसी वीडियो रिकॉडिंग को सुरक्षित रखा जाए.
कोर्ट में VHP रैलियों पर रोक की मांग
सुप्रीम कोर्ट ने ये आदेश उस याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया, जिसमे नूहं हिंसा को लेकर वीएचपी और बजंरग दल की ओर से होने वाले विरोध प्रदर्शन पर रोक की मांग की गई थी. आज वकील सीयू सिंह याचिकाकर्ता की ओर से पेश हुए. उन्होंने कोर्ट को बताया कि वीएचपी और बजरंग दल ने दिल्ली एनसीआर में 23 जगह मार्च निकालने की घोषणा की है. सुबह से कुछ जगह पर रैली हो गई है, जहां समुदाय विशेष के खिलाफ भड़काऊ बयानबाजी हुई है. शाम को संवेदनशील इलाकों में ऐसे प्रदर्शन होने है.
ASG का कोर्ट को आश्वासन
सुनवाई के दौरान केन्द्र सरकार की ओर से ASG (Additional Solicitor General of India) एसवी राजू पेश हुए. उन्होंने कहा कि याचिका उन्हें अभी-अभी मिली है. उस पर अपना जवाब रखने के लिए वक्त चाहिए, लेकिन जाहिर तौर पर सरकार सुनिश्चित करेंगी कि भड़काऊ बयानबाजी को लेकर कोर्ट के पुराने आदेश का पालन करें.
कोर्ट का आदेश
जस्टिस संजीव खन्ना की अध्यक्षता की बेंच ने ASG से कहा कि हमे भी यह याचिका कुछ देर पहले ही भले है, पर इसने कोई दो राय नहीं कि भड़काऊ बयानबाजी माहौल खराब करती है. हम चाहते है कि आप ऑथॉरिटी से संपर्क कर सुनिश्चित करें कि सुप्रीम कोर्ट ने हेट स्पीच को लेकर अक्टूबर 2022 और अप्रैल 2023 में जो आदेश दिए है, उन पर अमल हो. हमे उम्मीद है कि ऑथॉरिटी सुनिश्चित करेगी कि किसी जगह पर समुदाय विशेष के खिलाफ भड़काऊ बयानबाजी या सार्वजनिक सम्पति को नुकसान पहुंचाने जैसी घटना न हो. इसके लिए जरूरत पड़ने पर अतिरिक्त पुलिसबल की तैनाती और संवेदनशील इलाको की वीडियो रिकॉर्डिंग की जाए. ऐसी जगह की वीडियो रिकॉर्डिंग को और सीसीटीवी फुटेज को सुरक्षित रखा जाए.