नारनौल: पिछले 2 दिनों से खराब मौसम और हो रही बरसात के चलते नारनौल की अनाज मंडी में सरसों की खरीद का काम रोक दिया गया है. मंडी में अब तक खरीदी गई सरसों का उठान नहीं हुआ. इसी दैरान बरसात से सरसों की फसल भीग जाने से काफी नुकसान भी हुआ है. हालांकि फिर भी हैफेड (HAFED) के प्रबंधक बरसात से नुकसान होने की बात को स्वीकार नहीं कर रहे हैं. 


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

2 दिन हुई बरसात से सरसों की बोरियां 
बता दें कि इन दिनों नारनौल की अनाज मंडी में सरसों की सरकारी खरीद का काम चल रहा था. सरसों खरीद का काम 30 अप्रैल तक किया जा रहा था. 30 अप्रैल के बाद से सरकारी समर्थन मूल्य (Government Support Price) पर सरसों की सरकारी खरीद के आदेश अभी तक हैफेड के पास नहीं है. हैफेड के प्रबंधक के अनुसार सरकारी आदेश प्राप्त होने पर ही आगामी खरीद का काम शुरू किया जाएगा. प्रबंधक नीरज त्यागी ने बताया कि हैफेड द्वारा नेफेड के लिए अब तक 23,500 मिट्रिक टन सरसों की सरकारी समर्थन मूल्य 5,450 प्रति क्विंटल के हिसाब से खरीद की जा चुकी है. सरसों की खरीद के बाद नारनौल की अनाज मंडी में बने दो टीन शेड के अलावा सरसों को खुले आसमान के नीचे लगाना पड़ा, जिसके चलते 2 दिन हुई बरसात से सरसों की बोरियां भीग जाने से सरसों काफी संख्या में खराब हो गई है. हालांकि हैफेड के प्रबंधक नीरज त्यागी बरसात से सरसों की फसल खराब नहीं होने की बात कह रहे हैं. 


ये भी पढ़ें: The Kerala Story: गाजियाबाद से आया सामने 'द केरल स्टोरी' जैसा मामला, जानें क्या है पूरी कहानी


सरकार को हुआ काफी नुकसान 
वहीं मंडी में पहुंचे किसान खुद मानते हैं कि सरकार द्वारा खरीदी गई सरसों बरसात में भीग गई है, जिससे सरकार को काफी नुकसान हुआ है. अगर समय रहते मार्केट कमेटी और हैफेड विभाग बरसात से बचाव के उपाय करते तो शायद सरसों खराब नहीं होती. अब इसे सुखाने के प्रयास किए जा रहे हैं.


ठेकेदार ने स्वीकारा 
मंडी में सरकारी खरीद के बाद सरसों के उठान में देरी किए जाने से बोरियों में भरी सरसों बरसात से भीगी है. जिस ठेकेदार को उठान का जिम्मा दिया हुआ था वह ठेकेदार खुद मानता है कि उठान में देरी के कारण ही बोरियां बरसात से भीगी हैं. नारनौल की अनाज मंडी में सरसों की खरीद का काम पिछले लंबे समय से चल रहा था अब तक हैफेड ने नेफेड के लिए सरसों की खरीद की है, लेकिन बरसात से बचाव के कोई साधन नहीं होने से खरीदी गई सरसों बरसात में भीग गई. जिससे सरकार को भी काफी नुकसान हुआ है यही नहीं बल्कि अब किसान अपनी सरसों की फसल बेचने के लिए इस मंडी में आएगा तो उसके लिए भी बरसात से बचाव के कोई उपाय नजर नहीं आ रहा है. 


Input: करमवीर सिंह